अमित मिश्रा, रायपुर। रायपुर पुलिस और छत्तीसगढ़ एटीएस द्वारा फर्जी टेलीफोन एक्सचेंज गिरोह के खुलासे के बाद अब देश के मिनिस्ट्री ऑफ़ कम्युनिकेशन एन्ड आईटी डिपार्टमेंट ने मामले को संज्ञान में ले लिया है. अधिकारीयों के अनुसार अवैध टेलीफोन एक्सचेंज का उपयोग कर आतंकी संगठन आईएसआईएस, अलकायदा और डी कंपनी जैसे संगठन भारत में मौजूद एजेंटों के जरिए अपने नापाक इरादों को अंजाम देते हैं. ये आतंकी संगठन देश इन्ही अवैध टेलीफोन एक्सचेंज की बदौलत सुरक्षा में भी सेंध लगा रहे हैं.
हालांकि टेली इंफोर्समेंट रिसोर्सेस एवं मॉनिटरिंग डिपार्टमेंट के अधिकारीयों ने इस समस्या से निपटने एक नई सुरक्षा प्रणाली को लागू करने की बात कही है. जिसमें ऐसे फर्जी टेलीफोन एक्सचेंज के द्वारा की जाने वाली कॉल्स को भी ट्रेस किया जा सकेगा. हम आपको बता दें कि अमेरिका के आतंकी हमलों में भी इसी टेक्नोलॉजी का प्रयोग किया गया था. मुंबई हमले में भी पकिस्तान के आतंकवादी संगठन ने इसी अवैध टेलीफोन एक्सचेंज का इस्तेमाल किया था. इसके अलावा देशभर में लोगों से ऑनलाइन ठगी कर आतंकियों को फंडिंग करने का भी अंदेशा जताया जा रहा है.
ऐसे हुआ खुलासा
रायपुर के एक व्यक्ति को एक कॉल आई थी जिसमें उसकी 25 लाख रुपए लाटरी लगने की बात कही गई थी. ठगी के शिकार उस व्यक्ति ने पुलिस में शिकायत दर्ज कराई. जिसके बाद छत्तीसगढ़ एटीएस ने जांच शुरु की और एक बड़े फर्जीवाड़े का परत दर परत खुलासा होता चला गया. पुलिस ने अवैध टेलीफोन एक्सचेंज संचालित करने वाले 8 आरोपियों को दिल्ली और मुंबई से गिरफ्तार किया था और उनके पास से अवैध रुप से संचालित 10 सिम बॉक्स बरामद किया था.
ऐसे करते थे काम
सिम बॉक्स इंडियन गेटवे को बाईपास कर देता और एक अवैधानिक गेटवे बनाकर विदेशों से आने वाले सारे कॉल को सिम बॉक्स में विशेष स्विच vos 3000 की मदद से परिवर्तित कर देता है. इसके साथ ही विदेशी नंबर को भारतीय नंबर में भी बदल तेता है. यह सिम बॉक्स 8, 16, 32, 64 स्लॉट का होता है. जिसमें एक साथ इतनी संख्या में सिम इंस्टाल रहता है.यह गिरोह चाइना की स्काई लाइन कंपनी के प्रोडक्ट सिम बॉक्स और सिम बैंक को ऑन लाइन शॉपिंग एप्लीकेशन अली बाबा के माध्यम से खरीदते थे. आरोपियों द्वारा इस्टाल किए गए सिम बॉक्स का सर्वर चाइना में है. आरोपियों को इसे संचालित करने के लिए विदेशी करेंसी का भुगतान एरिस नाम का एक व्यक्ति करता था. आरोपियों को एरिस द्वारा 1 कॉल पर प्रति मिनट 13 पैसा दिल्ली में और 16 पैसा मुंबई में भुगतान किया जाता था.
ऐसे कॉल आने पर यह करें
केंद्र सरकार ने ऐसे फर्जी कॉलरों पर शिकंजा कसने एक संस्था बनाई है… हैदराबाद से संचालित इस संथा के द्वारा मोबाईल पर आने वाले शार्ट नम्बर्स, स्क्रीन पर नहीं दिखाई देने वाले नम्बर्स और इंटरनेशनल कॉल्स को लोकल में कन्वर्ट करने वाले नम्बरों को ट्रेस कर उन पर कार्रवाई की जाती है. सरकार ने इसके लिए टोलफ्री नंबर 1963 और 1800110420 जारी किया गया है. अगर आपके पास भी ऐसे ही कोई कॉल आते हैं तो इन टोल फ्री नंबर पर कॉल कर जानकारी दे सकते हैं.