शिवम मिश्रा. रायपुर. करीब 9 महीने से छत्तीसगढ़ पुलिस में पदस्थ एक महिला आरक्षक लापता थी. इस महिला आरक्षक का नाम है अंजना सहिस (Anjana Sahis). ये आरक्षक मूलतः रायगढ़ की रहने वाली बताई जा रही है. परिजनों के मुताबिक रायगढ़ से रायपुर पुलिस मुख्यालय में ट्रांसफर होने के बाद यहां करीब 3 महीने उन्होंने ड्यूटी की और उसके बाद वे काफी तनाव में थी. ये महिला आरक्षक न्यू राजेंद्र नगर थाना क्षेत्र के महावीर नगर में रहती थी. महिला आरक्षक के गुम होने की सूचना उसकी मां ने रायगढ़ एसपी को दी थी.
चूंकि महिला आरक्षक अंजना सहिस (Anjana Sahis) महावीर नगर में रहती थी इसलिए मामले की जांच न्यू राजेंद्र नगर पुलिस ने शुरू की. पुलिस की जांच में पता चला कि महिला आरक्षक वृंदावन में है. इसके बाद टीम उसकी तलाश में वृंदावन रवाना हुई. वहां टीम जब पहुंची तो कुछ देर के लिए पुलिस कर्मचारी भी चौंक गए. क्योंकि महिला आरक्षक वहां एक ठेले में पर्स और माला बेच रही थी.
उसे पुलिस कर्मचारियों ने अपने साथ चलने कहा, लेकिन उन्होंने यहां आने से मना कर दिया. पुलिस सूत्रों के मुताबिक महिला आरक्षक की शादी 2018 में रोहित नीरज नाम के व्यक्ति से हुई थी. लेकिन कुछ दिनों बाद ही दोनों के बीच पारिवारिक विवाद होने के बाद दोनो अलग रहने लगे थे.
मां से नहीं बनती थी बेटी की
पुलिस सूत्रों के मुताबिक बेटी के रायपुर पीएचक्यू में ज्वाईनिंग के बाद मां और बेटी (आरक्षक) आपस में बातचीत नहीं करते थे. हालांकि ये स्पष्ट नहीं हो सका कि दोनो के बीच ऐसा क्या विवाद था कि वे आपस में बात नहीं करते थे. वहीं पुलिस ने महिला आरक्षक के पति से भी पूछताछ की तो पता चला कि वे कई महीनों से साथ में नहीं रह रहे है. महिला आरक्षक वृंदावन के बाल कृष्ण आश्रम के पास अपने ठेले में काम करते हुए मिली है और उन्होंने रायपुर आने से मना कर दिया है और इसके लिए उन्होंने एक सहमति पत्र भी पुलिस को सौंप दिया है.
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