विक्रम मिश्र, लखनऊ. उत्तर प्रदेश के मुख्य सियासी दलों में कभी शुमार रही बसपा अभी अपने वोट को संजोने में ध्यान केंद्रित कर रही है. आज बसपा प्रमुख मायावती ने यूपी और उत्तराखंड के वरिष्ठ पदाधिकारियों और जिलाध्यक्षों की बैठक ली. जिसमें केवल एक ही संदेश दिया गया कि सत्ता में पार्टी की वापसी कैसे कराई जाए.

मायावती ने 2027 में होने वाले विधानसभा चुनाव को लेकर अकेला रास्ता अपनाने का फैसला किया है. मतलब साफ है कि बसपा अकेले अपने दम पर चुनाव लड़ेगी. हालांकि बहुत अटकलें लगाई जा रही थी कि आकाश आनंद की जिम्मेदारियों को लेकर बहन जी कोई फैसला ले सकती हैं, लेकिन ऐसा कुछ भी नहीं हुआ.
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युवाओं पर फोकस
बहन मायावती ने अपने सम्बोधन में कहा की सभी सियासी दलों के केंद्र में बहुजन वोटर हैं. जबकि उनके वोटों को लूटने की होड़ सी मची हुई है. ऐसे में पार्टी की रीति नीति से युवाओं के साथ सभी को जोड़ें और पार्टी का वोट बैंक मजबूत करने की कोशिश करने के निर्देश बहन जी ने दिए है.
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