दिनेश द्विवेदी, कोरिया। मनेंद्रगढ़ विधायक श्याम बिहारी जायसवाल ने विधानसभा सत्र के दौरान मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय को पत्र सौंपा. इसमें चिरमिरी-नागपुर हाल्ट रेलवे लाइन निर्माण के लिए भूमि अधिग्रहण एवं राज्यांश की राशि 120 करोड़ 50 लाख रुपए जारी करने की मांग की.

विधायक श्याम बिहारी जायसवाल ने 3 दिवसीय विधानसभा सत्र में प्रथम दिवस शपथ के उपरांत दूसरे दिन प्रदेश के मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय से मुलाकात की. इस दौरान उन्होंने चिरमिरी-मनेंद्रगढ़ सहित ग्रामीण क्षेत्र खड़गवां के लाखों लोगों की बहुप्रतीक्षित मांग चिरमिरी-नागपुर हाल्ट रेल लाइन निर्माण को लेकर मांग पत्र सौंपा.

ज्ञात हो कि 2018 में रेलवे बोर्ड एवं तत्कालीन भाजपा सरकार के बीच 50-50 प्रतिशत व्यय राशि से 241 करोड़ की लागत से एमओयू पर हस्ताक्षर किए गए थे. इसके तहत स्वीकृत चिरमिरी-नागपुर हाल्ट रेल लाइन निर्माण में आ रही दिक्कतों की जानकारी विधायक श्याम बिहारी जायसवाल ने मुख्यमंत्री साय को दी.

जायसवाल ने बताया कि इस स्वीकृत रेल लाइन के लिए भूमि अधिग्रहण की प्रक्रिया राज्य सरकार द्वारा आज तक नहीं हुआ है, साथ ही राज्यांश की राशि 120 करोड़ 50 लाख रुपए का बजट भी प्रदान नहीं होने से इस महत्वपूर्ण परियोजना को पूर्ण होने में काफी विलंब हो चुका है. इस परियोजना के लिए मुख्यमंत्री से विधायक ने कहा है कि भूमि अधिग्रहण प्रक्रिया तत्काल प्रारंभ करवाए और आगामी बजट में राज्यांश की राशि जारी करने का आग्रह किया है.

नवनिर्वाचित विधायक ने मुख्यमंत्री को बताया कि चिरमिरी, मनेंद्रगढ़, खड़गवां के लाखों लोगों को इस परियोजना के पूर्ण होने से अंबिकापुर से चलने वाली सभी पैसेंजर, एक्सप्रेस गाड़ियों का लाभ मिल सकेगा. इसके साथ ही नागपुर पैसेंजर हाल्ट स्टेशन को भी पूर्ण स्टेशन का दर्जा भी प्राप्त हो जाएगा, और वहां यात्री सुविधाओं में विस्तार हो सकेगा. इस दौरान मुख्यमंत्री साय ने अपने ओएसडी पी दयानंद को बोलकर इस महत्वपूर्ण रेल लाइन में अभी तक के प्रोग्रेस रिपोर्ट की सारी जानकारी मांगी है.

विधायक श्याम बिहारी जायसवाल ने कहा है कि चुनाव में मैने अपने घोषणा पत्र में प्रमुखता के साथ कहा था कि रेल लाइन का भूमिपूजन हमने किया था, और उसका निर्माण भी हम ही पूरा कराएंगे. इसी क्रम में सबसे पहला मांग पत्र मैंने आज मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय को सौंपा. मुख्यमंत्री साय ने काफी गंभीरता के साथ पूरे प्रोजेक्ट को समझा और इसमें उन्होंने अपनी रुचि भी दिखाई है, और मुझे पूरी उम्मीद है कि भू-अर्जन की प्रक्रिया प्रारंभ होगी और आगामी बजट में राज्यांश की राशि भी जारी हो जाएगी.