पी. रंजन, बीजापुर. प्रदेश में कांग्रेस नेताओं के ठिकानों पर ईडी की छापेमारी करवाई से नाराज कांग्रेस नेताओं-कार्यकर्ताओं ने विरोध स्वरूप भाजपा दफ्तर घेराव की कोशिश की. हालांकि, पुलिस की मुस्तैदी के चलते कांग्रेसी भाजपा दफ्तर के बाहर लगाए गए बेरिकेडिंग को लांघ नहीं पाए और वहीं धरना देते हुए जमकर नारेबाजी की.

विधायक और बस्तर विकास प्राधिकरण के उपाध्यक्ष विक्रम मण्डावी ने ईडी की कार्रवाई को भाजपा की बौखलाहट बताया. विक्रम ने कहा कि, देश मे जब से भाजपा की सरकार बनी है तब से लोकतंत्र, संविधान को कमजोर करने लोकतांत्रिक प्रक्रिया में चुनी हुई सरकारों को गिराने का काम किया जा रहा है.

आगे उन्होंने कहा, जहां-जहां उनकी सरकारें नहीं है, वहां-वहां अन्य दलों के नेताओं को खासकर कांग्रेस को टारगेट किया जा रहा है. भाजपा के इशारे पर ही केंद्रीय जांच एजेंसियां एकतरफा कार्रवाई कर रही है, जिसका कांग्रेस पुरजोर विरोध करती है. विक्रम ने आगे कहा कि, आने वाले 2023 में छत्तीसगढ़ में फिर से सरकार बनाने जा रही है और यह बात भाजपा के हलक में नहीं उतर रही है. नतीजतन ईडी की छापेमारी के जरिए छत्तीसगढ़ में कांग्रेस की अधिवेशन को कमजोर करने की कोशिश की जा रही है.

कांग्रेस के नेताओं के घरों में रेड डालकर उन्हें डराने की कोशिश हो रही है. मण्डावी ने यह भी कहा कि, कांग्रेस ईडी से डरती नहीं बल्कि स्वागत करती है. लेकिन उनका सवाल है कि, कार्रवाई सिर्फ विपक्ष पार्टियों, नेताओं पर क्यों हो रही है? देश में अडानी जैसे उद्योगपति, भाजपा शासित राज्यों में ईडी कार्रवाई क्यों नही कर रही है?

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