नई दिल्ली। दिल्ली विधानसभा की शांति और सद्भाव संबंधी समिति ने गुरुवार को बॉलीवुड अभिनेत्री कंगना रनौत को उनके हालिया सोशल मीडिया पोस्ट को लेकर 6 दिसंबर (दोपहर 12 बजे) को पेश होने के लिए तलब किया है, जिसमें उन्होंने केंद्र के तीन कृषि कानूनों का विरोध करने वाले किसानों को खालिस्तानी आतंकवादी करार दिया था. समन में लिखा गया है कि समिति को अन्य बातों के साथ-साथ आपत्तिजनक और अपमानजनक इंस्टाग्राम कहानियों/ पोस्टों को कथित रूप से आपके (कंगना रनौत) द्वारा आपके आधिकारिक इंस्टाग्राम अकाउंट पर सिख समुदाय के खिलाफ खालिस्तानी आतंकवादी बताने को लेकर कई शिकायतें मिली हैं.

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शिकायतों में कहा गया है कि कंगना रनौत ने कथित तौर पर सिख समुदाय को ‘खालिस्तानी आतंकवादी’ करार दिया है, जिससे सिख समुदाय के लोगों का अपमान हुआ है. उनके मन में सुरक्षा, जीवन और स्वतंत्रता के बारे में आशंकाएं भी पैदा हुई हैं. कंगना रनौत ने 20 नवंबर 2021 को स्टोरी पोस्ट की थी, जिसमें लिखा था कि खालिस्तानी आतंकवादी आज सरकार का हाथ मरोड़ सकते हैं, लेकिन इन्हें नहीं भूलना चाहिए कि एक महिला ने इनको अपनी जूती के नीचे कुचला था. इसकी वजह से चाहे कितनी भी दिक्कतें क्यों न हुई हो, लेकिन उसने अपनी जान की कीमत पर उन्हें मच्छरों की तरह कुचल दिया, लेकिन देश के टुकड़े नहीं होने दिए. उनकी मृत्यु के दशकों बाद भी ये आज उसके नाम से कांपते हैं, इन्हें वैसा ही गुरु चाहिए.

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शिकायतकर्ताओं के मुताबिक, कंगना रनौत के कथित पोस्ट से सिख समुदाय के लोगों की भावनाएं बहुत आहत हुई हैं. पूरे समुदाय का अनादर करने से दिल्ली में शांति और सद्भाव में व्यवधान की स्थिति पैदा हो सकती है. शिकायतकर्ता के अनुसार उसे सभी के सामने ‘खालिस्तानी’ कहा जाता था. यह न केवल उसके लिए चौंकाने वाला था,‌ बल्कि उसके परिवार और खुद की सुरक्षा के बारे में उसके आशंकाएं भी पैदा करता था. शिकायतकर्ताओं ने समिति से इस मुद्दे पर तत्काल ध्यान देने का अनुरोध किया. इसके बाद शिकायतों की जांच करने और उठाए गए मुद्दों पर विचार-विमर्श करने के बाद शांति और सद्भाव संबंधी समिति ने प्राप्त शिकायतों पर त्वरित संज्ञान लिया.

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गौरतलब है कि दिल्ली विधान सभा की शांति और सद्भाव समिति ने सांप्रदायिक वैमनस्य और घृणा के खिलाफ सख्त रुख अपना रखा है. विधायक राघव चड्ढा की अध्यक्षता में समिति शांति को नुकसान पहुंचा सकने वाली किसी भी घटना को रोकने की दिशा में काम कर रही है. समिति को कंगना रनौत द्वारा अपने आधिकारिक इंस्टाग्राम अकाउंट @kanganaranaut पर कथित रूप से अपमानजनक पोस्ट के बारे में कई शिकायतें मिली हैं. शिकायतकर्ताओं के अनुसार कंगना रनौत के इंस्टाग्राम अकाउंट की पहुंच काफी ज्यादा है. दुनिया भर में लगभग 80 लाख लोगों द्वारा इसे फॉलो किया जा रहा है. कंगना ने अपनी पोस्ट से कथित तौर पर सिख समुदाय की धार्मिक भावनाओं को आहत किया है, जो कि समाज की शांति और सद्भाव को नुकसान पहुंचा सकती है.

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बता दें कि कंगना रनौत सक्रिय रूप से सीएए और कृषि विरोधी कानूनों के विरोध के खिलाफ सोशल मीडिया पर अपमानजनक पोस्ट करती रही हैं. इस साल मई के महीने में अभद्र भाषा का इस्तेमाल करने के लिए ट्विटर द्वारा उन्हें बैन भी किया गया था. आम आदमी पार्टी (आप) के नेता राघव चड्ढा की अध्यक्षता में स्थिति को शांत करने और धार्मिक समुदायों, भाषायी समुदायों या सामाजिक समूहों के बीच सद्भाव बहाल करने के लिए उपयुक्त उपायों की सिफारिश करने के लिए समिति का गठन किया गया है.

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गौरतलब है कि शांति और सद्भाव संबंधी समिति को उन स्थितियों और कारणों पर विचार करने का अधिकार है, जो राष्ट्रीय राजधानी में सांप्रदायिक सद्भाव को बिगाड़ सकते हैं. इसके अलावा आपसी सद्भाव स्थापित करने के लिए समिति ऐसे संकटों को रोकने और हालत से निपटने के उपाय सुझाती है. भारत के सर्वोच्च न्यायालय ने भी इसे स्वीकार करते हुए समिति की अनुशंसात्मक शक्तियों को बरकरार रखा है, जिसका उपयोग बेहतर शासन के लिए किया जा सकता है. सुप्रीम कोर्ट ने अजीत मोहन और अन्य बनाम दिल्ली विधानसभा मामले में अपना फैसला दिया, जिसमें सर्वोच्च न्यायालय ने कहा कि देश की राजधानी सांप्रदायिक हिंसा की किसी भी घटना को बर्दाश्त नहीं कर सकती है. इस तरह विभिन्न मुद्दों की जांच के माध्यम से शांति बहाली और निवारक उपाय करने के संबंध में समिति की चिंता नाजायज और गलत नहीं है.