वीरेन्द्र गहवई, बिलासपुर। छत्तीसगढ़ के साथ देश के पांच राज्यों के विधानसभा का चुनाव होना है. छत्तीसगढ़ का नंबर इन राज्यों में सबसे पहले आएगा. निर्वाचन आयोग की चुनाव को लेकर कवायद भी शुरू हो गई है. ऐसे में बीते साढ़े चार सालों में जनता के चुने हुए प्रतिधिनियों का लल्लूराम डॉट कॉम बहीखाता तैयार करने में जुटा है. इस बार हम अकलतरा विधानसभा पहुंचे हैं, जहां के विधायक के साथ-साथ विपक्ष के नेता की जनता की राय हमने काराकी राय को के विधायक और विपक्ष के नेता के अलावा जनता की राय हमने ली.

विधानसभा का इतिहास

जांजगीर-चाम्पा जिला स्थित अकलतरा विधानसभा सीट एक सामान्य सीट है. विधानसभा क्षेत्र में एक नगर पालिका अकलतरा और एक नगर पंचायत बलौदा शामिल है. विधानसभा क्षेत्र में 2 ब्लॉक के 124 गांव शामिल हैं. अकलतरा विधानसभा क्षेत्र में कुल मतदाता करीब 2 लाख 9 हजार 38 हैं, जिनमें से 1 लाख 7 हजार 666 पुरुष और 1 लाख 1 हजार 369 महिला मतदाताओं की संख्या है, वहीं 3 थर्ड जेंडर वोटर हैं.

पहले बसपा फिर भाजपा से जीते सौरभ सिंह

विधानसभा क्षेत्र से वर्तमान में भाजपा के सौरभ सिंह विधायक हैं. सौरभ सिंह दूसरी बार चुने गए क्षेत्र से विधायक चुने गए हैं, पहली बार 2008 में बसपा से विधायक चुने गए थे, फिर 2018 में भाजपा की टिकट पर चुनाव लड़कर विधायक बने हैं. 2018 में भाजपा के सौरभ सिंह को 60,502 वोट मिले, वहीं बहुजन समाज पार्टी की उम्मीदवार ऋचा जोगी 58,648 वोट के साथ दूसरे स्थान पर रहीं. इस तरह से ऋचा जोगी को 1,854 मतों से हार मिली. वहीं कांग्रेस के चुन्नी लाल साहू तीसरे पोजिशन में रहे.

बात करें 2013 विधानसभा चुनाव की तो कांग्रेस के चुन्नीलाल साहू ने जीत हासिल की थी. चुन्नीलाल को कुल 69,355 वोट मिले, वहीं भाजपा के दिनेश सिंह 47,662 मतों के साथ दूसरे स्थान पर रहे. इस तरह से चुन्नीलाल ने 21,693 वोटों से जीत हासिल की. 2008 के चुनाव में सौरभ सिंह ने बसपा उम्मीदवार के रुप में जीत हासिल की थी. सौरभ सिंह को 37,393 वोट मिले, वहीं कांग्रेस के चुन्नीलाल साहू को 34,505 मत मिले थे. इस तरह से सौरभ सिंह ने 2,888 मतों से जीत हासिल की थी. साल 2003 में कांग्रेस के रामाधार कश्यप ने जीत हासिल की थी. उन्हें 37,368 वोट मिले थे, जबकि भाजपा के छतराम देवांगन 35,938 मतों के साथ दूसरे स्थान पर रहे. इस तरह से वो 1,430 वोटों से हार गए.

विधायक का दावा

विधायक सौरभ सिंह ने बताया कि अकलतरा विधानसभा में सड़कों का जाल बना है. अकलतरा से बलौदा सड़क बन रही है. भारत माला एक्सप्रेस हाईवे बन रहा है. मुख्य राष्ट्रीय राजमार्ग अधूरा था, जो भी सड़क बन गई. प्रधानमंत्री सड़क योजना से पांच बड़ी-बड़ी सड़कें बनीं. स्वास्थ्य क्षेत्र में उप स्वास्थ्य केंद्रों के भवन निर्माण का काम उपग्रेडेशन का काम हुआ है. शिक्षा के क्षेत्र में नए स्कूल नहीं खुले, क्योंकि सरकार के पास पैसा ही नहीं है. राज्य सरकार की विधायक निधि के तौर पर छोटे विकास के लिए जो पैसा आता है, उसका हमने सदुपयोग किया गया है. इसके साथ ही हम हमारी 15 साल की सरकार का काम लेकर जनता के बीच जाएंगे.

विपक्ष का आरोप

कांग्रेस के पूर्व चुन्नी लाल साहू का कहना है कि भाजपा विधायक के कार्यकाल में पूरी तरह से सन्नाटा रहा है. मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने विधायक निधि को एक करोड़ से बढ़ाकर चार करोड़ कर दिया है, लेकिन इतना भारी-भरकम पैसा मिलने के बाद भी क्षेत्र में मूलभूत सुविधा नहीं है. कहीं कोई विकास नहीं है. ऐसा लगता है कि ठेकेदार है व्यवस्था में. सरपंचों से पूछने पर पता चलता है कि ठेकेदार हम भेज रहे हैं, उसको काम करने देंगे तो विकास करने देंगे. इस तरह की भावना है.

नहीं मिला अकलतरा को उसका हक

क्षेत्र की जनता का मानना है कि अकलतरा का वैसा विकास नहीं हो पाया, जिसका वो हकदार है. शहर की तंग सड़कों के बीच से ही भारी वाहन गुजरते हैं, बीच सड़क पर बाजार लगने से पूरे समय भीड़भाड़ रहती है. ये आलम विधानसभा क्षेत्र के दोनों प्रमुख शहर अकलतरा और बलौदा का है. यहां सड़क-पानी जैसी मूलभूत सुविधा को लेकर जनता परेशान है, तो उद्योगों का धुआं और भारी वाहनों की आवाजाही से उड़ने वाला धूल का गुबार बड़ी समस्या है. बलौदा ब्लॉक के अधिकांश गांव में अब तक सिंचाई की सुविधा नहीं है, तो ग्रामीण क्षेत्र में स्वास्थ्य सेवा बदहाल है.