आशुतोष तिवारी, कोंडागांव। छत्तीसगढ़ विधानसभा चुनाव को हुए करीबन साढ़े चार हो चुके हैं. अब नए विधानसभा चुनाव के लिए करीबन छह महीने शेष रह गए हैं. ऐसे में जनप्रतिनिधियों के अपने कार्यकाल के दौरान कैसा कार्य किया, इसका लेखा-जोखा लेने के लिए हम जनता के बीच जा रहे हैं. विधायक जी का बहीखाता की ताजा कड़ी में हम केशकाल विधानसभा पहुंचे हैं, जहां से चुने गए कांग्रेस विधायक सेवक राम नेताम को लेकर जनता की क्या सोच है, इसकी हमने जानकारी ली.

विधानसभा का इतिहास

अनुसूचित जनजाति के लिए आरक्षित केशकाल विधानसभा कोंडागांव लोकसभा सीट का हिस्सा है. विधानसभा सीट में वोटरों की कुल संख्या 1 लाख 98 हजार है. इसमें गोंडवाना समाज के 60 फीसदी मतदाता हैं, वहीं ओबीसी के 6 प्रतिशत और एससी के 5 प्रतिशत मतदाता हैं. इनके अलावा सामान्य वर्ग के 5 प्रतिशत मतदाता हैं.

2013 के विधानसभा चुनाव में कांग्रेस के संतराम नेताम ने बीजेपी प्रत्याशी सेवक राम नेताम पर जीत हासिल की थी. संतराम को 53 हजार 867 वोट मिले थे, वहीं सेवकराम नेताम को 45 हजार 178 वोट मिले थे. इस तरह से संतराम ने सेवक राम नेताम को 8 हजार 689 मतों के अंतर से हराया था. वर्ष 2018 में कांग्रेस की लहर में संतराम नेताम ने 73,470 मत हासिल किए, वहीं बीजेपी प्रत्याशी हरिशंकर नेताम को 56,498 मत मिले थे. इस तरह से संतराम नेताम ने हरिशंकर नेताम को 16 हजार 972 मतों से हराया था.

केशकाल विधानसभा की विशेषता

केशकाल घाटी को बस्तर का प्रवेश द्वार कहा जाता है. सर्पाकार सड़कों के लिए प्रसिद्व इस रास्ते से प्रवेश करते ही बस्तर की हरियाला का अहसास हो जाता है. इस रास्ते से सफर करने वाला शख्स के मनो-मस्तिष्क में रास्ते की तस्वीर हमेशा-हमेशा के लिए कैद हो जाती है. केशकाल घाटी केवल बस्तर ही नहीं बल्कि दक्षिण भारत को छत्तीसगढ़ को जोड़ने वाली यह अकेली सड़क है. बरसात के दिनों में बड़े पत्थरों के रोड पर गिरने से सड़कों पर लंबा जाम लग जाता है.

विधायक का दावा

कांग्रेस विधायक संतराम नेताम बताते हैं कि केशकाल क्षेत्रफल के हिसाब से बड़ा क्षेत्र है. पेयजल की आपूर्ति के लिए सबसे ज्यादा पानी टेंकर उपलब्ध कराया है. ब्लॉक मुख्यालय को जोड़ने वाली छोटी-छोटी सड़कों को विधायक निधि से बनवाया. खेतों तक पहुंचने के लिए गांव-गांव में पुलिया का निर्माण कराया. यही नहीं लोगों की जरूरत को ध्यान में रखते हुए 24 भवन उपलब्ध कराया है.

विपक्ष का आरोप

पूर्व विधायक सेवक राम नेताम कहते हैं कि लोगों ने यह सोचकर संतराम नेताम को दोबारा चुना था कि उनका काम होगा, लेकिन बीते साढ़े चार साल में बिल्कुल काम नहीं हुआ है. सबसे ज्यादा परेशान किसान बिजली को लेकर हैं. यही नहीं केशकाल, विश्रामपुरी, फरसगांव से किसान 20-20, 30-30 किमी की दूरी तय कर सहकारी बैंक से पैसा निकालने के लिए आते हैं, लेकिन पैसा नहीं मिलने से उन्हें मायूस होकर वापस घर लौटना पड़ता है. अबकी बार जनता चुनाव का इंतजार कर रही है. 2023 में होने वाले चुनाव में भाजपा प्रत्याशी जीतकर विधानसभा जाएगा.

सड़क, नाली, पानी की समस्या

केशकाल विधानसभा में सड़क, नाली, पानी के साथ खस्ताहाल स्वास्थ्य सेवा आदिवासी बहुल क्षेत्र के लोगों के लिए समस्या बनी हुई है. विधानसभा क्षेत्र के शहरी इलाकों में कुछ विकास नजर आता है, लेकिन अंदरुनी इलाकों में सड़कों की समस्या बनी हुई है. बरसात के दिनों में यह समस्या विकराल रूप धारण कर लेती है. इसके अलावा केशकाल घाटी में गाड़ियों के जाम होने की समस्या कमोबेश आम हो चली है. इस तरह से केशकाल विधानसभा की पहचान मानी जाने वाली सर्पाकारनुमा घाटी की सड़क ही आने-जाने वालों के लिए परेशानी का सबब बन गई है.