वीरेन्द्र गहवई, बिलासपुर। छत्तीसगढ़ में 15 साल भाजपा शासनकाल के बाद आई कांग्रेस सरकार के साढ़े चार साल पूरे हो चुके हैं. अब आगामी विधानसभा चुनाव की चर्चा होने लगी है. इन सबके बीच बीते विधानसभा चुनाव में जिस उम्मीद से चाहे वह कांग्रेस हो या फिर भाजपा के प्रत्याशी को अपना वोट दिया, उनका इन साढ़े चार सालों में कैसा प्रदर्शन रहा, इस पर लल्लूराम डॉट कॉम आम लोगों के बीच जाकर राय ले रहा है. अबकी बार लल्लूराम डॉट कॉम जांजगीर-चांपा पहुंचा है, जहां विधायक के प्रति लोगों के राय का जानने का प्रयास किया.

विधानसभा का इतिहास

छत्तीसगढ़ की हाई-प्रोफाइल सीटों में जांजगीर-चाम्पा विधानसभा का शुमार होता है. जांजगीर-चाम्पा विधानसभा में 2 नगर पालिका, चाम्पा और जांजगीर व एक नगर पंचायत नवागढ़ शामिल है. विधानसभा क्षेत्र में 2 तहसील जांजगीर व नवागढ़ है. इस सीट का नाम 2008 के परिसीमन से पहले चाम्पा था, बाद में नाम बदलकर जांजगीर-चाम्पा हो गया. विधानसभा क्षेत्र में 1 लाख 97 हजार 32 मतदाता हैं, जिसमें 1 लाख 1 हजार 137 पुरुष और 95 लाख 895 हजार महिला मतदाता हैं. थर्ड जेंडर के 11 वोटर हैं.

दिग्गजों की राजनीति का केंद्र

क्षेत्र में भाजपा और कांग्रेस के बीच सीधा मुकाबला होता है. क्षेत्र के प्रथम विधायक कांग्रेस के रामकृष्ण राठौर रहे. इस सीट से बिसाहूदास महंत, चरणदास महंत और बलिहार सिंह जैसे दिग्गज नेता विधानसभा पहुंच चुके हैं, जिन्होंने जीत हासिल करने के बाद मंत्री पद की भी जवाबदारी संभाली है. पिछले ढाई दशक से भाजपा से नारायण चंदेल और कांग्रेस से मोतीलाल देवांगन परम्परागत पार्टी से प्रत्याशी चुने जा रहे हैं. पिछले पांच मुकाबलों में जनता ने नारायण चंदेल को तीन बार, तो मोतीलाल देवांगन को दो बार मौका दिया है.

चुनाव नतीजों पर नजर

1998 के विधानसभा चुनाव में भाजपा के नारायण चंदेल 35083 वोट पाकर जीते. कांग्रेस के मोतीलाल देवांगन को 28404 वोट मिले थे. 2003 के विधानसभा चुनाव में कांग्रेस के मोतीलाल देवांगन 52075 वोट हासिल कर जीते, भाजपा के नारायण चंदेल को 44365 वोट मिले. 2008 के विधानसभा चुनाव में भाजपा के नारायण चंदेल को 42006 वोट मिले, जबकि कांग्रेस के मोतीलाल देवांगन को 40816 वोट मिले. 2013 चुनाव में कांग्रेस के मोतीलाल देवांगन 54291 वोट हासिल की, वहीं भाजपा के नारायण चंदेल को 44080 वोट मिले. 2018 में बाजी पलटी. भाजपा के नारायण चंदेल 54040 वोट लेकर जीते, वहीं कांग्रेस के मोतीलाल देवांगन को 49852 वोट मिले.

विकास के नाम पर आरोप-प्रत्यारोप

जांजगीर-चांपा के वर्तमान विधायक और नेता प्रतिपक्ष नारायण चंदेल राज्य की कांग्रेस सरकार पर विकास के लिए पैसे नहीं देने का आरोप लगाते हैं. वे कहते हैं कि आज गांव में जाकर पंच-सरपंच से पूछिए वे बताएंगे कि बीते साढ़े चार सालों में विकास के लिए एक रुपया नहीं दिया गया है. सरपंच आज सिर पिट रहे हैं. वहीं दूसरी ओर पूर्व विधायक मोतीलाल देवांगन विधायक पर काम नहीं कराने का आरोप लगाते नजर आते हैं.

पेयजल से लेकर धूल और धुएं की समस्या

जांजगीर चाम्पा विधानसभा क्षेत्र से कई दिग्गज नेता विधायक बने और अहम पदों पर भी रहे, लेकिन क्षेत्र का उस गति से विकास नहीं हुआ जिसका वह हकदार है. जिला मुख्यालय जांजगीर में ही अभी भी कई समस्या बरकरार है. पेयजल सप्लाई की जल आवर्धन योजना का काम सालों से चल रहा है, लेकिन अधूरा पड़ा है. ड्रेनेज़ की समस्या भी बनी हुई है, विधानसभा क्षेत्र के दोनों प्रमुख शहर जांजगीर और चाम्पा में अव्यवस्थित बसाहट के कारण जनता परेशान है. चौक-चौराहे अभी भी कस्बों की तरह है. सड़क पर जाम लगना आम बात है. धूल और धुएं की परेशानी से निजात नहीं मिल पा रही है. यही नहीं जांजगीर और चाम्पा को जोड़ने वाला खोखसा आरओबी दस साल में भी पूरा नहीं हो सका है.