आशुतोष तिवारी, जगदलपुर। लगता है कि कल ही की बात है, जब छत्तीसगढ़ में भूपेश बघेल के नेतृत्व में कांग्रेस की सरकार बनी थी, लेकिन हकीकत में इस बात को सवा चार साल से ऊपर हो चुके हैं, और अब इस वर्ष के अंत में होने वाले चुनाव की चर्चा होने लगी है. पंख लगाकर उड़ चले इस सवा चार साल के कार्यकाल में विधायकों का प्रदर्शन इसका लेखा-जोखा लेने लल्लूराम प्रदेश के एक-एक विधानसभा पहुंच रहा है. अबकी बार हम जगदलपुर पहुंचे हैं, जहां से विधायक चुने गए कांग्रेस के रेखचंद जैन का बही-खाता पेश कर रहे हैं.

विधानसभा का इतिहास

प्रकृति के गोद में बसे जगदलपुर विधानसभा में पर्यटन के दृष्टि से 3 गुफा – कैलाश गुफा, दंडक गुफा और कोटुमसर गुफा मौजूद हैं. इन गुफाओं की देश-विदेश तक पहचान है. इसके अलावा तीरथगढ़ जलप्रपात और कांगेर वेली नेशनल पार्क मौजूद है. जगदलपुर स्थित दलपत सागर प्रदेश के सबसे बड़े तालाब में शुमार किया जाता है. धार्मिक लिहाज से कहें तो इस विधानसभा का मुख्य आकर्षण का केंद्र दंतेश्वरी मंदिर है, जो बस्तर की कुल देवी है. उद्योग की बात कहें तो सबसे बड़ा उद्योग नगरनार स्थित स्टील प्लांट है.

2018 में टूटा भाजपा का तिलिस्म

छत्तीसगढ़ के बस्तर संभाग के 12 विधानसभा में से इस इकलौते अनारक्षित विधानसभा क्षेत्र में 1 लाख 93 हजार 167 मतदाता हैं. छत्तीसगढ़ राज्य गठन के बाद हुए पहले विधानसभा चुनाव में बीजेपी के डॉ. सुभाऊ राम कश्यप चुने गए थे. हालांकि, उस समय यह सीट आरक्षित था. वहीं अनारक्षित सीट होने के बाद भाजपा के संतोष बाफना दो बार विधायक रहे. 2018 में कांग्रेस के रेखचंद जैन ने जीत हासिल की. रेखचंद को 76 हजार 556 वोट मिले, वहीं संतोष बाफना को 49 हजार 116 वोट मिले थे. इस तरह से रेखचंद जैन ने 27 हजार 440 वोटों के अंतराल से जीत हासिल की.

आदिवासी से दोगुने सामान्य मतदाता

बस्तर संभाग के इस इकलौते अनारक्षित विधानसभा क्षेत्र में 65 प्रतिशत मतदाता जहां सामान्य हैं, तो वहीं दूसरी ओर 35 प्रतिशत मतदाता आदिवासी हैं. इस विधानसभा में निगम क्षेत्र में महिला मतदाताओं की संख्या 47546 है, तो पुरुष मतदाताओं की संख्या 43548 और तृतीय लिंग वाले मतदाताओं की संख्या 28 है. ग्रामीण क्षेत्र में महिला मतदाताओं की संख्या 52450 है, तो पुरुष मतदाताओं की संख्या 49595 है.

क्या है विपक्ष का आरोप

जगदलपुर विधानसभा से पूर्व विधायक भाजपा के संतोष बाफना कहते हैं कि धरातल पर देखें तो विधायक के पांच नहीं पचास फैल्योर नजर आते हैं. क्षेत्र में विकास का कोई ऐसा कार्य नहीं हुआ है, जिसे विधायक कह सकें कि यह मेरे विजन से हुआ है.

जनता भी विधायक से नाउम्मीद

जगदलपुर विधानसभा क्षेत्र की न केवल शहरी बल्कि ग्रामीण मतदाता भी विधायक के काम से नाखुश नजर आते हैं. लल्लूराम से चर्चा में मतदाता बताते हैं कि सरकार से जिस बदलाव की उम्मीद लगाई थी, वह कहीं नजर नहीं आ रहा है. विधायक फील्ड पर कहीं नजर नहीं आते हैं, ऐसे में समस्याओं के समाधान की उम्मीद करना बेमानी है.

अस्पताल में मशीन है तो चलाने वाला कोई नहीं

प्रापर जगदलपुर के मतदाता चर्चा शुरू करते ही खामियां गिनानी शुरू कर देते हैं. मतदाता कहते हैं कि अस्पताल में मशीन तो लगा दी गई है, लेकिन मशीन चलाने वाला कोई नहीं है. भवन चकाचक है तो डॉक्टर नहीं हैं, सपोर्टिंग स्टाफ नहीं है. रावघाट रेल परियोजना का काम अब तक पूरा नहीं हो पाया है. डेंगू जैसी बीमारी का जिस शहर ने कभी नाम नहीं सुना था, वहां अब इससे लोगों की मौत हो रही है. बिजली बिल हाफ होने की बात कही जाती है, लेकिन ऐसा लगता है कि किसी साजिश के तहत उन्हें अनाप-शनाप बिजली बिल थमाया जा रहा है.