हेमंत शर्मा/प्रदीप सिंह ठाकुर, देवास। मध्यप्रदेश में कुछ ही महीनों में विधानसभा चुनाव होने हैं. 2018 से 2023 के इस कार्यकाल का साढ़े चार साल बीत चुका है। साल खत्म होते-होते जनता फिर अपनी सरकार चुनेगी। यानी एक बार फिर जनप्रतिनिधियों की आवाम की उम्मीदों पर खरा उतरने की बारी है। एमपी की 230 विधानसभा सीटों में मौजूदा हालात क्या हैं, क्षेत्र की क्या स्थिति है, कौन सा विधायक कितने पानी में है ? इन सभी का जवाब अब विधायक जी का रिपोर्ट कार्ड (vidhayak ji ka Report Card) देगा। लल्लूराम डॉट कॉम आपको सूबे के सभी विधायकों की परफॉमेंस और उनके क्षेत्रों की जमीनी हकीकतों के बारे में बताने जा रहा है. विधायक जी का Report Card में आज बात देवास विधानसभा क्षेत्र की.. जहां से बीजेपी की गायत्री राजे पवार विधायक हैं, हम पड़ताल करेंगे कि चुनाव के वक्त विधायक ने क्या-क्या वादे किए थे और विकास के कितने काम हुए हैं और जानने की कोशिश करेंगे कि यहां क्या-क्या समस्याएं अभी भी बरकरार हैं, किन समस्याओं का समाधान हुआ है। लेकिन, सबसे पहले हम जान लेते हैं देवास विधानसभा क्षेत्र के बारे में…
देवास का इतिहास
देवास जिले में पांच विधानसभा हैं, जिसमें प्रमुख विधानसभा देवास ही है। अगर हम भौगोलिक पृष्ठ भूमि की बात करें तो देवास जिला विध्यांचल पर्वत की श्रृंखला के चलते दो भागों में बंटा नजर आता है। जिसका एक हिस्सा ऊपर तो दूसरा विध्यांचल के नीचे हैं। देवास में माँ चामुंडा व तुलजा भवानी वास करती हैं। इसलिए यह एक धार्मिक नगरी के रूप में पहचान जाता है। यह मान्यता है कि इसका नाम भी देवों का वास होने ही वजह से देवास पड़ा हैं। वैसे तो देवास एक औद्योगिक नगर भी है। जहाँ बैंक नोट प्रेस से लेकर कई छोटी बड़ी कंपनियां हैं। लेकिन यहां शिक्षा, रोजगार, स्वास्थ्य सुविधाएं हमेशा हावी रही हैं।
विधानसभा सीट का इतिहास
आपको बता दें कि करीब 3 दशक से देवास विधानसभा पर राजपरिवार का कब्जा है। राज परिवार ने ही राज किया है। बीजेपी की मुख्य राजनीति पैलेस से ही तय होती है। यहां से स्वर्गीय तुकोजीराव पवार 6 बार लगतार विधायक चुने गए थे। उसके बाद उनकी धर्मपत्नी गायत्री राजे पवार यहां से दो बार विधायक चुनी जा चुकी हैं। 2018 के चुनाव में भाजपा की ओर से गायत्री राजे पवार ही प्रत्याशी थीं। वहीं कांग्रेस ने जयसिंह ठाकुर को अपना प्रत्याशी बनाया था। जिसमें गायत्री राजे पवार 28 हजार से अधिक वोट से विजय हुई थी। इस बार कांग्रेस से इंदौरी नेता- प्रवेश अग्रवाल और प्रदीप चौधरी का नाम आगे चल रहा है।
अब जानते हैं वादों का क्या हुआ ?
पिछले चुनाव में बीजेपी की गायत्री राजे पवार ने जो वादे किए थे, उनमें से अधिकांश वादे पूरे किए हैं। पिछले 5 वर्षों में अब तक के सबसे अधिक विकास कार्यों का रिकार्ड बना है।
1) ब्रिज निर्माण – वादों के मुताबिक देवास में दो ब्रिज निर्माण व एक फ्लाय ओवर का निर्माण किया गया हैं। जिसकी जनता द्वारा वर्षों से मांग की जा रही थी।
2) सड़क चौड़ीकरण- शहर में कई प्रमुख सड़कों का चौड़ीकरण किया गया हैं। जिससे यातायात की समस्या से लोगों को राहत मिली है।
3) स्पोर्ट पार्क- देवास में पहली बार अलग-अलग स्पोर्ट्स पार्क का निर्माण किया गया हैं। जिससे खिलाड़ियों को अपनी प्रतिभाओ को निखारने के लिए स्थान मिला है।
4) रोपवे- माता टेकरी पर आने जाने के लिए रोपवे का निर्माण किया गया हैं, जिसकी वजह से बुजुर्ग व अस्वस्थ श्रद्धालुओं को माता दर्शन में आने जाने के लिए आसानी हुई है।
क्षेत्र की मुख्य समस्याएं–
- पैकी प्लाट की समस्या- देवास में अब भी पैकी प्लाट की समस्या बनी हुई है, जिसकी वजह से गरीब व मध्यम तबके के शहरवासी काफी परेशान हैं। यह एक ज्वलंत मुद्दा भी हैं, जो आगामी विधानसभा चुनाव में प्रमुख रहेगा।
- इसके आलावा यहां बिजली, पानी और रोजगार की समस्या भी हावी है।
देवास विधानसभा में जातिगत समीकरण
देवास विधानसभा में स्वर्ण मतदाता- 30.68 प्रतिशत है।
अन्य पिछड़ा वर्ग- 28.61%
अल्पसंख्यक मतदाताओं का प्रतिशत- 17.83%
अनुसूचित जाति- 18.25%
अनुसूचित जनजाति- 4.63%
वोटों के बंटवारे पर नजर डालें तो देवास विधानसभा में स्वर्ण मतदाताओं की संख्या सबसे ज्यादा है। इसके बाद ओबीसी वोटरों की संख्या है। अल्पसंख्यक भी यहां हार-जीत में महत्वपूर्ण निर्णय निभाते हैं।
देवास विधानसभा में मतदाताओं की संख्या
देवास विधानसभा में कुल मतदाताओं की संख्या – 2,74,411 (2 लाख 74 हजार 411) है, जिसमें पुरुष मतदाताओं की संख्या 1,39,565 (1 लाख 39 हजार 565) है, वहीं महिला वोटरों की संख्य 1,34,842 (1 लाख 34 हजार 842) है।
क्या कहती है जनता ?
विधायक के परफॉमेंस को लेकर जनता की मिलीजुली प्रतिक्रिया रही है। विधायक के खिलाफ जनता बोलने से बचती नजर आई, क्योंकि उनका काफी दबदबा है। हालांकि किसी को अपने विधायक से शिकायत भी है। क्षेत्र के लोग पैकी प्लाट की समस्या से परेशान हैं, तो वहीं कुछ का कहना है कि यहां बहुत हद तक काम हुए हैं।
इतिहास के पन्ने-
90 के दशक में शहर भीषण जलसंकटल से घिरा था, तब पहली बार ट्रेन से पानी लाने का फैसला लिया गया। तत्कालीन विधायक तुकोजीराव पवार ने योजना बनाकर इंदौर से देवास तक ट्रेन से पानी मंगवाया था। रेलवे स्टेशन से रानीबाग बावड़ी तक पाइप लाइन बिछाई गई थी। साथ ही पूरे शहर में भी सप्लाई की गई थी।
Read more- Health Ministry Deploys an Expert Team to Kerala to Take Stock of Zika Virus
- छत्तीसगढ़ की खबरें पढ़ने यहां क्लिक करें
- उत्तर प्रदेश की खबरें पढ़ने यहां क्लिक करें
- लल्लूराम डॉट कॉम की खबरें English में पढ़ने यहां क्लिक करें
- खेल की खबरें पढ़ने के लिए यहां क्लिक करें
- मनोरंजन की बड़ी खबरें पढ़ने के लिए करें क्लिक