लक्ष्मीकांत बंसोड़, बालोद। बालोद जिले में महात्मा गांधी रोजगार गारंटी योजना (मनरेगा) के तहत मास्टर रोल में फर्जी हाजिरी भर पैसा गबन करने का मामला सामने आया है. कलेक्टर ने मीडिया के माध्यम से मामले की जानकारी मिलने की बात करते हुए जांच के बाद कार्रवाई का भरोसा दिलाया है. वहीं दूसरी ओर मामले में जिस सरपंच की संलिप्तता की बात कही जा रही उसने आरोप लगाने वाले पर गलतबयानी के लिए मानहानि का दावा करने की बात कही है.

मामला बालोद जिला के ग्राम पंचायत सांकरा (क) का है. भिलाई में अध्ययनरत गांव के पूर्व सरपंच दशरथ सिन्हा के बेटे के बैंक अकाउंट में रोजगार गारंटी योजना के तहत 6 हजार 6 सौ रुपए ट्रांसफर किया गया. इस राशि को पंचायत रोजगार सहायक ने फोन कर मांगा गया. इस बात की जानकारी बेटे के देने पर पूर्व सरपंच ने अपने खाते से पैसे निकालने से मना कर दिया. आरोप है कि इसी तरह गांव के अन्य व्यक्तियों का नाम फर्जी मस्टर रोल में भरकर उनके बैंक खातों में पैसा ट्रांसफर किया गया, जिसे बाद में कुछ पैसे संबंधित व्यक्ति को देकर रोजगार सहायक और सरपंच बाकी का पैसा ले लिया करते थे.

कलेक्टर कुलदीप शर्मा

पैसों का किया गया बंदरबाट

क्षेत्र के जनपद सदस्य बालक दास की माने तो पंचायत में सैकड़ों लोगों के नाम से मनरेगा में फर्जीवाड़ा कर पैसों का बंदरबांट किया गया है. इस गड़बड़ी की तह तक जाने के लिए उन्होंने सूचना के अधिकार के तहत जानकारी लेने आवेदन लगाया, लेकिन जानकारी नहीं दी गई है. मामले में एक माह पूर्व तहसील और जनपद में शिकायत की गई है, लेकिन अब तक कोई कार्रवाई नहीं हुई है. कलेक्टर कुलदीप शर्मा ने मामले की मीडिया के माध्यम से जानकारी मिलने की बात करते हुए जांच के बाद कार्रवाई का भरोसा दिया है.

मानहानि का करुंगा दावा

मामले में ग्राम सांकरा (क) के सरपंच दिनेश सिन्हा ने लल्लूराम डॉट कॉम से चर्चा में जनपद सदस्य पर आरोप लगाया कि उनके भाई ने मेरे खिलाफ दो बार सरपंच का चुनाव लड़ा और दोनों ही बार हार का सामना करना पड़ा. जाहिर है कि व्यक्तिगत द्वेष की वजह से वे अनर्गल आरोप लगा रहे हैं. इसके पूर्व में भी उन्होंने चंद ग्रामीणों के जरिए इस तरह का आरोप लगाया था, जिस पर ग्राम में बैठक हुई थी, जिसमें इस तरह के प्रकरण दोबारा आने पर कार्रवाई की बात कही गई थी. अब मैं इस तरह के अनर्गल आरोप पर मानहानि का दावा करुंगा.

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