सुनील पासवान, बलरामपुर. सरकार लाख दावे कर ले कि सूबे की स्वास्थ्य व्यवस्था में सुधार हो रहा है, लेकिन ऐसा हो नहीं रहा है. छत्तीसगढ़ के सरकारी अस्पतालों में लापरवाही के नए-नए किस्से आए दिन सुनने और देखने को मिलते हैं. कभी मोबाइल की रोशनी में तो कभी टॉर्च की रोशनी में सरकारी अस्पताल में इलाज और ऑपरेशन की बात सामने आती रही है.
इसी तरह का एक और मामले सामने आया है, जहां बलरामपुर के शंकरगढ़ स्वास्थ्य केंद्र में मोबाइल टॉर्च की रोशनी में सड़क हादसे में घायलों लोंगो का इलाज किया गया. क्योंकि इस अस्पताल में उस समय ना ही बिजली थी और ना ही जेनरेटर की कोई व्यवस्था.
बता दें कि शंकरगढ़ क्षेत्र में गाड़ी पलटने से 31 सवारियों में से 15 लोग घायल हो गए. घायलों को शंकरगढ़ स्वास्थ्य केंद्र लाया गया. लेकिन जब यहां पर इन घायलों को लाया गया, तो स्वास्थ्य केंद्र में ना तो बिजली थी और ना ही कोई और वैकल्पिक व्यवस्था. जिसकी वजह से मरीजों का इलाज मोबाइल टॉर्च और फ्लश लाइट में किया गया.