देहरादून। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी शुक्रवार को प्रसिद्ध केदारनाथ मंदिर पहुंचे. छह महीने में दूसरी बार मोदी यहां पहुंचे और केदारनाथ मंदिर के गर्भ गृह में करीब 20 मिनट तक पूजा की. पीएम मोदी ने यहां रुद्राभिषेक किया. उसके बाद उन्होंने मंदिर का परिक्रमा भी किया.
केदारनाथ के दर्शन-पूजने के बाद सभा को संबोधित करते हुए मोदी ने कहा कि एक वक्त था, जब मैं यही रम गया था. वो पल कुछ और थे और आज जब कुछ पुराने लोग मिले तो उन दिनों की याद दिलाने लगे. वो समय कुछ और था, जब मैं यही रम गया था. शायद बाबा की इच्छा नहीं थी. एक बाबा क्या देश में सौ करोड़ बाबा हैं, उनकी सेवा करनी है.
केदारनाथ त्रासदी में मारे गए सभी श्रद्धालुओं को श्रद्धांजलि. उस समय मैं गुजरात की सीएम था. मैं अपने आपको रोक नहीं पाया था और यहां आया था. मैंने पुनर्निर्माण की जिम्मेदारी लेने की बात की थी और सब मान गए थे. मैंने मीडिया के सामने खुशी में ये बात बता भी दी थी. जब मेरे काम करने की खबर आई तो दिल्ली में तूफान आ गया था. इसके बाद राज्यसरकार को घोषणा करनी पड़ी कि हमें गुजरात की जरूरत नहीं. जब दिल्ली में बैठे लोगों को परेशानी हो तो मैं पीछे हट गया, लेकिन बाबा ने तय किया था कि ये काम बेटे के हाथ ही होना था. यहां भारतीय जनता पार्टी की सरकार बन गई तो मेरा विश्वास पक्का हो गया कि ये काम मुझे ही करना है. कपाट खुलने पर संकल्प करके गया था और कपाट बंद होने से पहले पहुंच गया हूं. केदारनाथ के भव्य पुनर्निर्माण का आज शिलान्यास हो रहा है.
अब पुरोहितों को जो मकान मिलेंगे वो थ्री इन वन होंगे. बिजली, पानी और स्वच्छता का पूरा प्रबंध होगा. पूरी सड़कों को चौड़ा किया जाएगा. पोस्ट ऑफिस, बैंक, कंप्यूटर की व्यवस्था समेत सारा प्रबंध होगा. केदारनाथ के पूरे रास्ते भक्तिमय माहौल देने की कोशिश होगी. यहां पांच परियोजनाओं का प्रारंभ हो रहा है. मंदाकिनी के घाट का भी निर्माण कार्य होगा. यहां लोगों के बैठने का इंतजाम होगा. यहां जो भी काम होगा उसमें पर्यावरण के नियमों का पालन किया जाएगा. उसमें आधुनिकता होगी, लेकिन उसकी आत्मा वही होगी जो केदार ने सदियों से अपने भीतर समाहित करके रखा है
अपने तय कार्यक्रम के अनुसार, प्रधानमंत्री मोदी सुबह 8 बजकर 55 मिनट पर जौलीग्रांट हवाई अड्डे पहुंचे जहां राज्यपाल डॉ. कृष्णकांत पाल और मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत सहित कई गणमान्य व्यक्तियों ने उनका स्वागत किया.