दिल्ली। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने एक बयान में साफ साफ कहा कि बिजनेस करना सरकार का काम नहीं है और उनकी सरकार सिर्फ कुछ सरकारी कंपनियों को छोड़कर बाकी सभी कंपनियों को बेच डालेगी।

प्रधानमंत्री ने कहाकि रणनीतिक रूप से महत्वपूर्ण और कुछ बेहतरीन काम करने वाली सरकारी कंपनियों को छोड़कर बाकी सभी क्षेत्रों के सार्वजनिक उपक्रमों का निजीकरण प्राइवेट करने को सरकार प्रतिबद्ध है। उन्होंने कहा कि सरकारी कंपनियों को केवल इसलिए नहीं चलाया जाना चाहिए कि वे विरासत में मिली हैं। सरकार का काम बिजनेस करना नहीं है। हम इन कंपनियों को बेचकर आने वाली रकम को जनकल्याण के काम में खर्च करेंगे। अब बदलते वक्त में ये सरकार और देश की जरूरत है।

 

प्रधानमंत्री ने कहा कि खराब सार्वजनिक उपक्रमों को सरकार द्वारा वित्तीय सपोर्ट देते रहने से देश की इकॉनमी पर बोझ पड़ता है। मोदी ने सार्वजनिक क्षेत्र की कंपनियों पर आयोजित वेबिनार में कहा कि बजट में भारत को ऊंची बढ़ोतरी की राह पर ले जाने के लिए स्पष्ट रूपरेखा बनाई गई है। उन्होंने कहा कि कई सार्वजनिक क्षेत्र के उपक्रम घाटे में हैं कइयों को करदाताओं के पैसे से मदद दी जा रही है। हम ऐसा लंबे समय तक नहीं कर सकते हैं। इसलिए सरकार बेकार और बोझ बनी पीएसयू को बेचने की योजना पर काम कर रही है।