नई दिल्ली. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की सरकार ने कामकाज का ढर्रा ही बदल दिया है. अब तक जिसे आईएएस अधिकारियों का विशेषाधिकार समझा जाता था, वहां प्रोफेशनल्स की नियुक्ति कर दी गई है. ऐसी एक नहीं, दो नहीं बल्कि 9 नियुक्तियां की गई हैं, जिनसे कृषि विभाग से लेकर ऊर्जा विभाग तक के कामकाज में सुधार आने की उम्मीद है.
नरेंद्र मोदी सरकार ने बीते साल आईएएस अधिकारियों की कमी को देखते हुए राजस्व, वित्तीय सेवाएं, कृषि एवं कृषक कल्याण, सड़क परिवहन व राजमार्ग, जहाजरानी, पर्यावरण, वन एवं जलवायु परिवर्तन, अक्षत ऊर्जा, नागरिक उड्डयन और वाणिज्य मंत्रालय में संयुक्त सचिव स्तर की रिक्त पदों की पूर्ति के लिए आईएएस अधिकारियों की कमी को देखते हुए निजी क्षेत्र से जुड़े विशेषज्ञों की नियुक्ति के लिए आवेदन मंगाए थे. इस तरह से की जा रही नियुक्तियों के लिए हो रही आलोचनाओं को दरकिनार करते हुए मोदी सरकार ने कदम आगे बढ़ाने का निर्णय लिया और 30 जुलाई 2018 तक की समय सीमा के दौरान 6,077 आवेदन प्राप्त हुए थे.
आईएएस की तरह ही योग्य व्यक्तियों के चयन के लिए यूपीएससी को माध्यम बनाया गया. 6 हजार से ज्यादा आवेदनों को क्षेत्र से जुड़े विशेषज्ञों के साथ सरकार और मानव संसाधन से जुड़े लोगों ने खंगाला. इसके बाद सरकार के नुमाइंदों ने आवेदकों के व्यक्तित्व और क्षमता का आंकलन किया. इसके बाद नौ नाम निकलकर बाहर आए, जिन्हें अब नियुक्ति दी गई है.
नागरिक उड्डयन मंत्रालय के लिए अंबर दुबे को चयन किया गया है, जो सुप्रसिद्ध कंपनी केपीएमजी में उड्डयन और रक्षा के प्रमुख हुआ करते हैं. आईआईटी मुंबई और आईआईएम अहमदाबाद में पढ़ चुके अंबर दुबे के पास क्षेत्र का 20 साल से कहीं ज्यादा का अनुभव है. कृषि मंत्रालय के लिए कोकाली घोष का चयन किया गया है. कोकाली कृषि से जुड़ी एजेंसी में काम कर रही हैं. अक्षय ऊर्जा के लिए पनामा रिन्यूवेबल एनर्जी ग्रुप के सीईओ दिनेश दयानंद जगदाले का चयन किया गया है.
सौरभ मिश्रा वित्तीय सेवा विभाग में संयुक्त सचिव होंगे, जबकि आर्थिक मामलों के विभाग की जिम्मेदारी राजीव सक्सेना संभालेंगे. वाणिज्य मंत्रालय के लिए अरुण गोयल, सड़क परिवहन मंत्रालय के लिए सुमन प्रसाद सिंह और जहाजरानी मंत्रालय के लिए भूषण कुमार का चयन किया गया है. ये सभी चयनित प्रोफेशन्स केंद्र सरकार के प्रशासनिक नियमों से बंधे रहेंगे और संयुक्त सचिव स्तर की सुविधाओं के हकदार होंगे.
केंद्र सरकार के एक आला अधिकारी ने इन नियुक्तियों को बहुत बड़ा बदलाव बताते हुए कहा कि संभवतः ऐसा पहली बार इतनी बड़ी संख्या में निजी क्षेत्र के विशेषज्ञों की नियुक्ति की जा रही है. पूरी प्रक्रिया यूपीएससी के जरिए पूरी की गई, जो अच्छा है. बताया जाता है कि आने वाले दिनों में आईएएस की कमी को देखते हुए इसी तरह से 40 और नियुक्तियां की जा सकती हैं.