नेहा केशरवानी. रायपुर. महंगाई की मार से आम जनता पहले ही परेशान थी अब आटा, पनीर, दही जैसे समानों पर GST लगाने को लेकर आम जनता एक बार फिर मुश्किलों में है. इस बार आम जनता ही नहीं व्यापारी जगत भी केंद्र सरकार के इस फैसले से नुकसान में है. केंद्र सरकार ने अफरी-तफरी में आटा, सोयाबीन, पनीर, दही जैसी चीजों पर GST लगा दिया. आजादी के बाद पहली बार पैक, लेबल और नॉन ब्रांडिंग खाद्य सामानों में GST लगाया गया हैं, जो समान GST के दायरे से बाहर थी अब उनमें भी GST लग गया हैं.
छत्तीसगढ़ चेंबर ऑफ़ कॉमर्स इस दायरे को लेकर लगातार आवाज उठा रहा हैं. बता दे कि छत्तीसगढ़ में 90% व्यपारियों के पास GST नम्बर तक नहीं हैं, ऐसे में उनके ओपेनिंग स्टॉक का क्या होगा ? जो व्यापारी सामानों के प्रोड्यूसर हैं जिनके 25 kg के नीचे के बैग बने हैं, उनके बैग्स का क्या होगा ? 1kg 2kg 10kg 20kg के समान प्रोड्यूस कर लिए है, लाखो का इनवेस्टमेंट कर लिए है उनका क्या होगा ?
खाद्य पदार्थों में लगे GST फैसले को गलत बताते हुए व्यपारी संग़ठन इसका विरोध कर रहा है. 26 जुलाई को भोपाल में GSTको लेकर राष्ट्रीय स्तर पर बैठक हैं जिसमें आगे की रणनीति बनाई जाएगी. छत्तीसगढ़ चेंबर ऑफ कॉमर्स भी इस बैठक में शामिल होगा. छत्तीसगढ़ चैम्बर ऑफ कॉमर्स की मांग हैं कि यदि GST लगना चाहिए तो व्यपारियों को समय दे ताकि सभी GST नम्बर ले सके.