नई दिल्ली। संसाधनों के लिहाज से बोझ बन चुकी सरकारी कंपनियों से मोदी सरकार छुटकारा पाने की दिशा में आगे बढ़ रही है. इस कड़ी में वित्त मंत्री निर्मला सीतारमन ने भारतीय उद्योग परिसंघ (CII) की सालाना बैठक में सात सरकारी कंपनियों के नामों की पुष्टि की.
वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने बैठक के माध्यम से देश के उद्योगपतियों को भरोसा दिलाया है कि सरकार आर्थिक वृद्धि को गति देने के लिये हर जरूरी कदम उठाने को तैयार है. उन्होंने कहा कि कोविड काल में भी मोदी सरकार ने सुधार कार्यक्रमों को जारी रखा है. अर्थव्यवस्था को आगे बढ़ाने के लिए जो ठीक लगा वो किया गया और इसी क्रम में कई कानूनों में बदलाव हुआ.
वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने सरकार के निजीकरण कार्यक्रम को लेकर कहा कि सरकार प्राइवेट सेक्टर को बढ़ावा देना चाहती है. इसलिए वह सार्वजनिक लोक उपक्रमों के लिए एक नीति भी लेकर आई है. निर्मला सीतारमण ने कहा कि सरकार अपने विनिवेश कार्यक्रम को लेकर प्रतिबद्ध है. वह बजट में घोषित सरकारी कंपनियों के विनिवेश को लेकर आगे बढ़ रही है.
सरकार ने इस साल के बजट में विनिवेश से 1.75 लाख करोड़ रुपये जुटाने का लक्ष्य रखा है. इसमें दो सरकारी बैंक और LIC में हिस्सेदारी बेचना शामिल है.
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बैठक में डिपार्टमेंट ऑफ इन्वेस्टमेंट एण्ड पब्लिक एसेट मैनेजमेंट (DIPAM) के सेक्रेटरी तुहिन कांत पांडे ने स्पष्ट किया कि एयर इंडिया, भारत पेट्रोलियम और कॉनकोर के इसी साल विनिवेश के लिए जोर लगाया जा रहा है. इसके अलावा शिपिंग कार्पोरेशन ऑफ इंडिया (SCI), भारत अर्थ मूवर्स प्राइवेट लिमिटेड (BEML), पवन हंस और नीलांचल इस्पात निगम लिमिटेड के प्राइवेटाइजेशन को लेकर बिडर्स ने दिलचस्पी दिखाई है.