नई दिल्ली. भारत में बीते कुछ सालों में कैंसर के मामलों में बढ़ोतरी हुई है. कैंसर का इलाज और इसकी दवाएं महंगी होने के कारण आम लोगों के लिए इसका इलाज कराना काफी मुश्किल हो जाता है. लोगों की इन्हीं समस्याओं को देखते हुए सरकार ने कैंसर पीड़ितों के लिए एक बड़ा कदम उठाया है. कैंसर की 42 नॉन-शेड्यूल्ड दवाओं को प्राइस कंट्रोल के तहत लाया गया है.
सरकार ने कैंसर के मरीजों के लिए ट्रेड मार्जिन 30 फीसदी तक सीमीत कर दिया है. जिससे कैंसर की दवाएं 85 प्रतिशत तक सस्ती हो जाएंगी. डिपार्टमेंट ऑफ फार्मास्युटिकल्स ने इसके लिए एक नोटिफिकेशन जारी किया है। नोटिफिकेशन में बताया गया है कि नेशनल फार्मास्युटिकल्स प्राइसिंग अथॉरिटी (NPPA) ने जनहित में ड्रग्स (प्राइस कंट्रोल) ऑर्डर, 2013 के पैरा 19 के तहत कैंसर के इलाज में काम आने वाली 42 नॉन-शेड्यूल्ड दवाओं को शामिल किया है.
दवा कंपनियों को 7 दिन का समय दिया गया
NPPA के डेटा के मुताबिक, सरकार के इस फैसले से कैंसर के 105 ब्रांड्स का मैक्सिमम रिटेल प्राइस 85 फीसदी तक घट जाएगा. बता दें कि अभी कैंसर के इलाज में इस्तेमाल होने वाली 57 शेड्यूल्ड दवाएं प्राइस कंट्रोल के तहत हैं. डिपार्टमेंट ऑफ फार्मास्युटिकल्स नकी नोटिफिकेशन के मुताबिक, MRP पर ट्रेड मार्जिन को 30 पर्सेंट तक सीमित करने के लिए कैंसर के इलाज में इस्तेमाल होने वाली 42 दवाओं को चुना गया है. नोटिफिकेशन में कहा गया है कि इस सूची को अंतिम रूप देने के लिए अस्पतालों और फार्मा कंपनियों से और डेटा जुटाए जा रहे हैं. दवा कंपनियों को कीमतों को दोबारा कैलक्युलेट करने और उनकी जानकारी NPPA, राज्यों के ड्रग कंट्रोलर, स्टॉकिस्ट्स और रिटेलर्स को देने के लिए 7 दिन का समय दिया गया है.
8 मार्च से लागू होंगी नई कीमतें
इस सूची को अंतिम रूप देने के लिए हॉस्पिटल्स और फार्मा कंपनियों से और डेटा जुटाए जा रहे हैं’ दवा कंपनियों को कीमतों को दोबारा कैलक्युलेट करने और उनकी जानकारी NPPA, राज्यों के ड्रग कंट्रोलर, स्टॉकिस्ट्स और रिटेलर्स को देने के लिए 7 दिन का समय दिया गया है. NPPA ने बताया कि नई कीमतें 8 मार्च से लागू हो जाएंगी.