नई दिल्ली. आम आदमी पार्टी के वरिष्ठ नेता और राज्यसभा सदस्य संजय सिंह ने संसद में बिहार में चार रहे एसआईआर पर चर्चा नहीं कराने को लेकर भाजपा पर तीखा हमला बोला है। उन्होंने कहा कि मोदी सरकार का सदन में एसआईआर पर चर्चा से भागने का मतलब है कि उसे इस चुनावी घोटाले से कोई मतलब नहीं है और भाजपा भी इस पूरे खेल में शामिल है। उन्होंने कहा कि दिल्ली विधानसभा चुनाव में जबरदस्त चुनावी भ्रष्टाचार हुआ। केंद्रीय मंत्रियों के घर 30-35 वोट मिले और भाजपा नेताओं ने 14 विधानसभाओं में हजारों वोट कटवाने का आवेदन दिया।आम आदमी पार्टी ने सबूत दिए, लेकिन कोई कार्रवाई नहीं हुई।
मंगलवार को भाजपा सरकार द्वारा सदन में एसआईआर पर चर्चा न करवाने पर संजय सिंह ने कहा कि इस वक्त एसआईआर (विशेष गहन संशोधन) का मुद्दा बहुत बड़ा है। अगर इस पर चर्चा किए बिना कोई और काम आगे बढ़ाया जाता है, तो इसका मतलब है कि मोदी सरकार को लोकतंत्र में इतने बड़े चुनावी घोटाले से कोई मतलब नहीं है। साथ ही, यह इस बात को भी साबित करता है कि भाजपा इस पूरे खेल में शामिल है।
अलग-अलग राज्यों में भाजपा ने वोटों का घोटाला किया
संजय सिंह ने कहा कि अलग-अलग राज्यों में भाजपा ने वोटों का घोटाला किया। दिल्ली चुनाव में केंद्रीय मंत्रियों के घर के पते पर कही 33 तो कही 35 वोट मिले। दिल्ली के 14 निर्वाचन क्षेत्रों का हमने विस्तार से डेटा दिया था, जहां भाजपा कार्यकर्ताओं ने हजारों वोट कटवाने के लिए याचिकाएं दी थीं। दिल्ली के अंदर ऐसे लोगों के वोट काटे गए, जो कई वर्षों से रह रहे थे। अरविंद केजरीवाल ने आधार कार्ड समेत तमाम प्रमाणों के साथ उनको मीडिया के सामने पेश किया था। दिल्ली में जबरदस्त चुनावी भ्रष्टाचार हुआ और आम आदमी पार्टी ने उसकी शिकायतें भी की।
संजय सिंह ने कहा कि यह एक सर्वविदित सत्य है कि दिल्ली का चुनाव वोटों के घोटाले से जीता गया है। भाजपा महज 2 फीसद वोट से आगे है, उसमें 7-8 फीसद का उसने चुनाव में घोटाला किया है। यह भी सच है कि कांग्रेस उस समय नहीं बोली और चुप रही। क्या दिल्ली देश का हिस्सा नहीं है? कांग्रेस को दिल्ली के बारे में भी बोलना चाहिए था। यही हाल भाजपा ने महाराष्ट्र, हरियाणा और अन्य राज्यों में किया। देश के चुनाव में भी यही किया। इसलिए एसआईआर पर चर्चा जरूरी है। बिहार में मरे हुए लोगों और ट्रंप का वोट बन रहा है।

चुनाव आयोग मतदाता सूची की डिजिटल कॉपी दे दे : सौरभ भारद्वाज
उधर, “आप” के दिल्ली प्रदेश अध्यक्ष सौरभ भारद्वाज ने कहा कि वोट चोरी के मुद्दे पर चुनाव आयोग छिपकर भाग रहा है और भाजपा के नेता चुनाव आयोग की वकालत कर रहे हैं। विपक्षी पार्टियां मांग रही है कि चुनाव आयोग मतदाता सूची की डिजिटल कॉपी दे दे। डिजिटल कॉपी देने में चुनाव आयोग को क्या समस्या हो सकती है? समस्या सिर्फ इतनी है कि अगर चुनाव आयोग ने विपक्ष को डिजिटल कॉपी दे दी, तो मात्र एक हफ्ते के अंदर पूरे देश का फर्जीवाड़ा सामने आ जाएगा।
सौरभ भारद्वाज ने कहा कि चुनाव आयोग ने जानबूझकर इस प्रक्रिया को इतना कठिन बना रखा है कि कई-कई महीने तक रिसर्च करिए, तब जाकर इनकी पोल खोलिए। साफ तौर पर इसके अंदर बड़े स्तर पर फर्जीवाड़ा हो रहा है। मुझे लगता है कि जब भी सरकार बदलेगी, चुनाव आयुक्त के ऊपर कानूनी कार्रवाई होनी चाहिए और ये लोग जेल भेजे जाने चाहिए। चुनाव आयुक्त ज्ञानेश कुमार और चुनाव आयोग के लोग सीधे तौर पर कानूनी अपराध के अंदर साझेदार हैं। जब भी सरकार बदलेगी, ये तीनों लोग कानूनी कार्रवाई के तहत जेल में जाएंगे।
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