कोंडागांव। छत्तीसगढ़ कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष मोहन मरकाम ने गजब का कारनामा किया है. ढाई करोड़ रुपये से निर्माण हुए स्विमिंग पुल का लोकार्पण किया है, जिसमें अब सियासत तेज हो गई. प्रदेश अध्यक्ष मोहन मरकाम के प्रोटोकॉल के बावजूद कोई भी प्रशासनिक अमला लोकार्पण कार्यक्रम में नहीं पहुंचा. नगर पालिका के सीएमओ और नगर पालिका अध्यक्ष नदारद रहे. नगर पालिका अधिकारी ने प्रदेश अध्यक्ष के निजी सहायक को पत्र लिखा था कि लोकार्पण नहीं हो सकता है. अभी स्विमिंग पुल अधूरा है.

दरअसल, पक्ष विपक्ष और प्रशासन के बीच स्विमिंग पूल का लोकार्पण का कार्य भले ही संपन्न हो गया हो, लेकिन इस लोकार्पण से राजनीतिक और प्रशासनिक अमलों के बीच एक टशन देखने को मिला. जहां प्रदेश अध्यक्ष के 4 मार्च को स्विमिंग पुल के लोकार्पण का कार्य प्रस्तावित था तो वहीं नगर पालिका के अधिकारी ने प्रदेश अध्यक्ष के निजी सहायक को पत्र लिखकर बताया था कि स्विमिंग पुल का कार्य अधूरा है. इसलिए इसका लोकार्पण किया जाना उचित नहीं होगा.

पूरे मामले पर पूर्व मंत्री लता उसेंडी का कहना है कि अगर कार्य अपूर्ण है तो इतनी जल्दबाजी क्यों है ? वहीं नगर पालिका उपाध्यक्ष जसकेतु उसेंडी ने कहा कि प्रदेश अध्यक्ष के प्रोटोकाल के बावजूद भी प्रशासन का कोई भी हमला नहीं आना यह बताता है. प्रदेश अध्यक्ष की क्या सुनवाई होती है, नगर पालिका के उपाध्यक्ष जसकेतु उसेंडी ने कहा कि इस बात की जानकारी ना हमें दी गई है ना हमारे पार्षदों को.

वहीं मामले को लेकर जब प्रदेश अध्यक्ष मोहन मरकाम से सवाल किया गया कि प्रोटोकॉल के अनुसार आपके पास कोई भी अधिकारी इस कार्यक्रम में मौजूद नहीं है. उनका कहना था कि इस वजह का हम पता लगाएंगे कि क्या वजह है कि प्रोटोकॉल के बावजूद भी यहां अधिकारी मौजूद नहीं हैं. इसके अलावा उन्होंने कार्य अपूर्ण होने की बात को सिरे से खारिज करते हुए कहा कि कार्य पूर्ण हो चुका है.

बहरहाल, इस स्विमिंग पूल के लोकार्पण के बाद साफ हो चुका है कि सत्ता पक्ष के प्रदेश अध्यक्ष मोहन मरकाम और प्रशासन के बीच सब कुछ सही नहीं चल रहा है.

Read more- Health Ministry Deploys an Expert Team to Kerala to Take Stock of Zika Virus