हिमाचल प्रदेश में बीते तीन वर्षों से मानसून की वर्षा बहुत ज्यादा नुकसान कर रही है। इस बार तो यह हालात हैं कि लगातार भारी वर्षा का दौर चल रहा है और मानसून के प्रवेश के साथ शुरू हुआ विनाश का दौर अभी भी चल रहा है। वर्षा के सारे पुराने रिकार्ड ध्वस्त हो रहे हैं। राज्य में इस बार औसत वर्षा 1010.9 मिलीमीटर दर्ज की गई, जो सामान्य 692.1 मिमी से 46 प्रतिशत अधिक है। इस हिमालयी राज्य में बादल फटने की 46 घटनाएं, अचानक बाढ़ आने की 98 घटनाएं और भूस्खलन की 145 घटनाएं हुई हैं।
मॉनसून से होने वाले नुकसान ने भी तोड़े सारे रिकॉर्ड्स
राज्य में बारिश के साथ साथ उससे होने वाले नुकसान ने भी सारे रेकॉर्ड्स तोड़ दिए हैं। हिमाचल प्रदेश में मानसून के प्रकोप के कारण 20 जून से अब तक 1,500 से अधिक परिवार बेघर हो गए हैं। जबकि 417 लोगों की मौत हो चुकी है। इनमें से 231 लोगों की वर्षा जनित घटनाओं में और 181 की सड़क दुर्घटनाओं में जान गई। लगभग 477 लोग घायल हुए हैं, जबकि 45 अब भी लापता हैं।
राज्य आपातकालीन परिचालन केंद्र के आंकड़ों के अनुसार, 1,502 घर पूरी तरह से क्षतिग्रस्त हो गए, जबकि 6,503 को आंशिक क्षति हुई। राज्य को अब तक 4582 करोड़ रुपये का नुकसान हुआ है। लगातार प्राकृतिक आपदाओं ने इस पहाड़ी राज्य में अनिश्चितता की स्थिति पैदा कर दी है। मंगलवार शाम को राज्य में तीन राष्ट्रीय राजमार्गों सहित 655 सड़कें बंद हो गईं तथा 924 बिजली ट्रांसफार्मर और 243 जलापूर्ति योजनाएं बाधित हो गईं।
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