रायपुर. पूर्व विधानसभा अध्यक्ष धरमलाल कौशिक ने मानसून सत्र में स्वास्थ्य विभाग की लचर व्यवस्था से बच्चों की मृत्यु पर सवाल उठाया. इस पर जांच के लिए समिति का गठन किया गया. कौशिक ने विधानसभा परिसर में पत्रकारों से चर्चा दौरान प्रदेश में स्वास्थ्य विभाग की लचर व्यवस्था और नवजात शिशुओं की मृत्यु को लेकर सरकार पर निशाना साधा. उन्होंने कहा, इस मामले को लेकर भाजपा लगातार सवाल उठाती रही है. पिछले पांच वर्षों में नवजात शिशुओं की मृत्यु को प्रदेश सरकार हमेशा से छुपाते आई है.

कौशिक के सवाल पर उपमुख्यमंत्री के लिखित उत्तर में बताया गया कि पांच वर्षों में 0 से 28 दिन के नवजात शिशुओं की मृत्यु की संख्या कुल 23 हजार 693 है और 5 वर्ष से कम बाल मृत्यु की संख्या 15 हजार 574 है. कुल मिलाकर 39 हजार 267 बच्चों की मृत्यु विभिन्न अस्पतालों में हुई है. कौशिक ने कहा, भाजपा प्रदेश की कांग्रेस सरकार को चेतावनी देते आई है कि स्वास्थ्य व्यवस्था को लेकर लापरवाही बरती जा रही है, जिसके कारण लागातार बच्चों की मृत्यु हो रही है. इसके बावजूद समस्याओं को सुलझाने के बजाय सरकार इस मामले को टालने का काम कर रही है.

धरमलाल कौशिक ने कहा कि सरकार केवल झूठी वाहवाही लूटने का प्रयास कर रही है कि छत्तीसगढ़ में कुपोषण का दर कम हुए हैं और सुपोषण की संख्या बढ़ी है. अब सवाल यह है कि इन पांच सालों में हजारों बच्चों की जान कैसे गई. यह एक गंभीर मामला है. कांग्रेस की सरकार आंकड़े छुपाने में माहिर है. यदि प्रदेश की सरकार इस पर अब भी लापरवाही करेगी तो आने वाले समय में जिस प्रकार की भयावह स्थिति दिखाई दे रही है पूरे प्रदेश के लिए वह चिंता का विषय बन जाएगा.