Mool Nakshatra Importance Shanti Pooja: मूल नक्षत्र में जन्म लेने वाले बच्चों की मूल शांति कराना ज्योतिष शास्त्र के अनुसार अत्यंत आवश्यक माना जाता है, क्योंकि ये बच्चे गंडमूल नक्षत्रों में जन्म लेते हैं. गंडमूल नक्षत्रों में मूल, अश्विनी, आश्लेषा, मघा, ज्येष्ठा और रेवती शामिल हैं.

इन नक्षत्रों में जन्म लेने वाले बच्चों के स्वास्थ्य, स्वभाव और जीवन के प्रारंभिक प्रभाव विशेष होते हैं, और यदि शांति न कराई जाए तो उनके जीवन में विभिन्न प्रकार की बाधाएं उत्पन्न हो सकती हैं.

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मूल शांति क्यों है जरूरी? (Mool Nakshatra Importance Shanti Pooja)

शास्त्रों के अनुसार, मूल नक्षत्र में जन्म लेने वाला बच्चा कभी-कभी माता-पिता, कुल या स्वयं के लिए घातक सिद्ध हो सकता है. इसलिए परंपरा के अनुसार, जन्म के बाद 27 दिन तक पिता को बच्चे का मुख नहीं देखना चाहिए और इसके बाद मूल शांति पूजा करवानी चाहिए, ताकि नक्षत्र दोष शांत हो सके.

मूल नक्षत्र के विभिन्न चरणों में जन्म लेने वाले बच्चों के जीवन और स्वभाव पर अलग-अलग प्रभाव पड़ता है. कुछ चरणों में जन्म लेने वाले जातक पितृ नाशक, मातृ नाशक या धन नाशक माने जाते हैं, जबकि कुछ चरणों का प्रभाव शुभ और कल्याणकारी होता है.

Mool Nakshatra Importance Shanti Pooja: मूल नक्षत्र में जन्मे बच्चों का स्वभाव

मूल नक्षत्र में जन्मे बच्चे तेजस्वी, कभी-कभी क्रोधी और संवेदनशील होते हैं. उनका स्वभाव कभी-कभी मधुर और शांतिप्रिय भी होता है. वे जिद्दी, मूडी हो सकते हैं और अकेले रहना पसंद करते हैं. उनकी सेहत विशेष रूप से पेट से जुड़ी समस्याओं के प्रति संवेदनशील हो सकती है. ये जातक सम्मान को धन से अधिक महत्व देते हैं और अपने लक्ष्यों के प्रति अत्यंत दृढ़ होते हैं.

मई 2025 में तीन बार लगेगा मूल नक्षत्र (Mool Nakshatra Importance Shanti Pooja)

  • 4 मई शाम 5:33 बजे से 6 मई शाम 6:56 बजे तक
  • 14 मई सुबह 10:35 बजे से 16 मई दोपहर 2:07 बजे तक
  • 23 मई दोपहर 12:11 बजे से 25 मई सुबह 9:01 बजे तक

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