सीएम धामी ने चार धाम यात्रा को लेकर सीएम ने संबंधित जिलाधिकारी को आवश्यक दिशा निर्देश दिए. उन्होंने कहा कि मौसम विज्ञान विभाग ने इस साल ज्यादा बारिश होने का पूर्वानुमान जताया है. इसलिए यात्रियों की सुरक्षा सुनिश्चित की जाए और अत्यधिक बारिश या भूस्खलन के चलते यात्रियों को सुरक्षित स्थानों पर रोक लिया जाए और स्थिति सामान्य होने के बाद ही आगे रवाना किया जाए.

सीएम ने विभिन्न बांधों और जलाशय का भी निरीक्षण करने और इनमें जमा सिल्ट को निकालने के निर्देश दिए. उन्होंने कहा कि यह सुनिश्चित किया जाना अत्यंत आवश्यक है कि जलाशयों की भंडारण क्षमता कम ना हो. जलाशयों की भंडारण क्षमता कम होगी तो जिस उद्देश्य से जलाशय बनाए गए हैं उसकी पूर्ति नहीं हो पाएगी. उन्होंने कहा कि उत्तराखण्ड जैसे आपदा संवेदनशील राज्य में आपदाओं का प्रभावी तरीके से सामना करने के लिए समुदायों की भागीदारी और स्वयंसेवकों की एक संगठित तीन तैयार किया जाना नितांत आवश्यक है और सभी जनपद इस दिशा में जल्द से जल्द कार्य करते हुए कार्य योजना बनाएं.

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मुख्यमंत्री ने सभी रेखीय विभागों से आगामी मानसून के दौरान आपसी समन्वय और सामंजस्य स्थापित करते हुए कार्य करने को कहा. साथ ही उन्होंने भूस्खलन संवेदनशील क्षेत्रों की मैपिंग करने तथा उनका डेटाबेस बनाने के निर्देश दिए ताकि प्रभावी तरीके से उनका ट्रीटमेंट किया जा सके. मुख्यमंत्री ने कैंची बाईपास निर्माण में तेजी लाने के निर्देश दिए. उन्होंने कहा कि जल्द से जल्द सभी जगह से अनापत्ति लेने संबंधी सभी औपचारिकताओं को पूरा करते हुए सड़क निर्माण किया जाए. उन्होंने क्वारब में भूस्खलन का जल्द से जल्द ट्रीटमेंट करने के निर्देश भी दिए. मुख्यमंत्री ने सभी हेल्पलाइन और टोल फ्री नंबरों का व्यापक स्तर पर प्रचार प्रसार करने के निर्देश दिए ताकि आकस्मिकता और आपदा की स्थिति में लोग तुरंत सहायता प्राप्त कर सकें.