भुवनेश्वर. आपदा प्रबंधन मंत्री सुदाम मारांडी ने गुरुवार को विधानसभा में बताया कि पिछले पांच सालों में ओडिशा में विभिन्न प्राकृतिक आपदाओं में 16,372 लोग मारे गए हैं. भाजपा विधायक कुसुम टेटे के एक सवाल के जवाब में, मारांडी ने कहा कि 2018-19 से लेकर 2022-23 अब तक चक्रवात, बिजली गिरने, आग दुर्घटना, नाव पलटने, डूबने, बाढ़, लू, बवंडर, भारी बारिश और सर्पदंश जैसी प्राकृतिक आपदाओं में 16,372 लोगों की मौत हो गई है.

मंत्री ने कहा कि पिछले पांच वर्षों में ओडिशा में 7,874 लोग डूब गए, 5,219 लोग सांप के काटने से मारे गए और बिजली गिरने से 2,058 लोग मारे गए है. इसी तरह, अग्नि दुर्घटनाओं में 759, चक्रवातों में 140, नाव पलटने की घटनाओं में 46, बाढ़ में 73, लू के कारण 141 लोग मारे गए, जबकि बवंडर और भारी बारिश के कारण 31-31 लोगों की मौत हुई है.

मंत्री के बयान के अनुसार, इस अवधि के दौरान मयूरभंज जिले में सबसे अधिक 1,444 आपदा मौतें दर्ज की गईं है, इसके बाद गंजाम (1,162), बालेश्वर (1,139) और क्योंझर (1,115) मौतें दर्ज हुई है. बौध में सबसे कम 85 मौतें हुई है.

डूबने से हुई 7,874 मौतों में से, सबसे अधिक 651 मामले मयूरभंज में दर्ज किए गए, इसके बाद गंजम में 605, बालासोर में 592 और क्योंझर में 545 मामले दर्ज किए गए. अन्य जिलों में 500 से कम मौतें हुई है. आदिवासी बहुल मयूरभंज जिले में सर्पदंश से भी मृत्यु के सबसे अधिक 460 मामले दर्ज किए गए, इसके बाद बालेश्वर (378), क्योंझर (352), गंजाम (335), और सुंदरगढ़ (325) का स्थान है.

मंत्री ने कहा कि राज्य सरकार राज्य आपदा प्रतिक्रिया कोष (एसडीआरएफ) के दिशानिर्देशों के अनुसार मृतकों के परिवारों को मुआवजा प्रदान कर रही है. उन्होंने कहा कि सरकार लू से मौत पर 50,000 रुपये और अन्य सूचीबद्ध आपदाओं से मौत पर 4 लाख रुपये देती है.

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