गौरव जैन, गौरेला-पेण्ड्रा-मरवाही. बिना दस्तखत सरकारी खाते से 24 लाख से अधिक की राशि निकालने का मामला सामने आया है. यह मामला उस वक्त उजागर हुआ, जब इस साल मार्च के महीने में राज्य सरकार द्वारा बची हुई राशि को वापस मांगा गया. विकासखंड स्त्रोत समन्वयक ने मामले की शिकायत कलेक्टर से की है. वहीं इस मामले की जांच के लिए डीईओ ने तीन सदस्यीय कमेटी का गठन किया है. जांच में ही पता चलेगा कि किसने पैसा निकाला और कहां इस्तेमाल किया. पूरा मामला पेंड्रा ब्लॉक का है.

पेंड्रा ब्लॉक के दो कार्यालयों के विभाग प्रमुख के संयुक्त हस्ताक्षर से सर्व शिक्षा अभियान निर्माण मद का खाता एक्सिस बैंक में संचालित हो रहा है. इस खाते के संचालन के लिए CEO पेण्ड्रा और BRCC पेण्ड्रा का किसी भी प्रकार के बैंक ट्रांजेक्शन में दोनों का दस्तखत होना अनिवार्य है. इसके बाद ही एक्सिस बैंक से राशि आहरण किया जा सकता है. बावजूद इसके BRCC के दस्तखत के बिना ही खाते से तीन अलग-अलग किस्तों में लगभग 24 लाख की राशि निकाल ली गई. बीते वर्ष के सितंबर में इस खाते से 2 लाख रुपए, दिसंबर में 20 लाख और जनवरी में 2 लाख 28 हजार सात सौ उनतालीस रुपए BRCC के दस्तखत के बिना निकाल लिए गए हैं.

पैसा निकाले जाने का मामला उस वक्त उजागर हुआ, जब इस साल मार्च के महीने में राज्य सरकार द्वारा बची हुई राशि को वापस मांगा गया. इसके बाद B.R.C.C पेण्ड्रा ने अपना एक्सिस बैंक का एकाउंट स्टेमेन्ट चेक किया तो उसमें 24 लाख रुपये से अधिक की रकम निकाली जा चुकी थी वो भी बीआरसीसी के हस्ताक्षर के बिना निकाली गई है. B.R.C.C पेण्ड्रा ने पैसे निकाले जाने की सूचना जिला अधिकारी को दे दी है, जिसके बाद मामले की जांच के लिए तीन सदस्यीय कमेटी का गठन कर दिया गया है.

जांच कमेटी की पड़ताल में सामने आएगी हकीकत

जांच कमेटी की पड़ताल में ये सामने आएगी कि आखिर कैसे संयुक्त हस्ताक्षर से संचालित इस सरकारी खाते से तत्कालीन पेण्ड्रा CEO के दस्तखत के बिना कैसे इतनी बड़ी राशि निकाल ली गई और उस रकम का कहां इस्तेमाल किया गया गया. वहीं इस मामले में एक्सिस बैंक की भूमिका भी सवालों के घेरे में है कि कैसे बिना दस्तखत एक नहीं तीन बार रकम निकाली गई.

सभी जांच के लिए तैयार हूं : तत्कालीन सीईओ

इस मामले में संजय शर्मा तत्कालीन CEO पेण्ड्रा का कहना है कि इस बारे में मुझे जानकारी नहीं है. CEO रहने के दौरान मैंने ऐसा कोई काम नहीं किया, जिससे सरकारी राशि का दुरुपयोग हो. मैंने CEO रहते सारे कार्य नियमानुसार किए हैं. भविष्य में किसी भी प्रकार की जांच के लिए तैयार हूं.