दिल्ली सरकार (Delhi Government)का समाज कल्याण विभाग अपनी आर्थिक सहायता योजनाओं के अंतर्गत मासिक पेंशन प्राप्त करने वाले लाभार्थियों का डोर टू डोर सर्वेक्षण करेगा. इस सर्वे में लगभग 6 लाख बुजुर्ग और दिव्यांग लाभार्थी शामिल होंगे, जो पेंशन का लाभ उठा रहे हैं. विभाग ने यह निर्णय इसलिए लिया है क्योंकि हाल के समय में पेंशन प्राप्त कर रहे हजारों लाभार्थियों ने विभाग के पत्राचार का उत्तर नहीं दिया है.

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दिल्ली में लगभग 4.35 लाख बुजुर्ग और 1.30 लाख से अधिक दिव्यांग पेंशन का लाभ उठा रहे हैं. उल्लेखनीय है कि इससे पहले भाजपा सरकार के दौरान महिला एवं बाल विकास विभाग और खाद्य आपूर्ति विभाग भी अपने लाभार्थियों की जांच कर चुके हैं.

एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि समाज कल्याण विभाग द्वारा 2500 रुपये प्रतिमाह पेंशन दी जाती है, लेकिन पिछले एक साल में 40 हजार से अधिक बुजुर्ग पेंशनधारी अपने पते से गायब हो गए हैं. उनके अनुसार, इन बुजुर्गों के खातों में पैसे तो भेजे जा रहे हैं, लेकिन खाते के निष्क्रिय होने के कारण ये राशि वापस आ रही है. विभाग ने कई बार नोटिस जारी किए हैं, लेकिन कोई प्रतिक्रिया नहीं मिली है. अब इन बुजुर्गों को वेरिफिकेशन के लिए तीन बार मौका दिया जाएगा.

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इन लाभकारी योजनाओं में मिल चुकी गड़बड़ी

सरकार ने पहले महिला एवं बाल विकास विभाग की ओर से संकटग्रस्त महिलाओं के लिए दी जाने वाली पेंशन योजना की जांच की थी, जिसमें लगभग 3.80 लाख महिलाओं को हर महीने 2500 रुपये मिलते हैं. इस योजना के तहत रैंडम तरीके से 2.28 लाख महिलाओं की पात्रता की जांच की गई, जिसमें 11% महिलाएं पात्रता के मानदंडों पर खरी नहीं उतरीं. इसी प्रकार, खाद्य एवं आपूर्ति विभाग ने मुफ्त राशन कार्ड धारकों की भी जांच की, जिसके परिणामस्वरूप 5,621 सरकारी कर्मचारियों को मुफ्त राशन योजना का लाभ लेते हुए पाया गया.

1.20 लाख नए बुजुर्गों का मिल सकता है लाभ

दिल्ली में बुजुर्ग पेंशन का कोटा लगभग 5.30 लाख है, जबकि वर्तमान में 4.35 लाख लोग इसका लाभ उठा रहे हैं. पिछले वर्ष, पूर्व सरकार के कार्यकाल में 80 हजार नए आवेदनों को स्वीकार किया गया था. इसके अतिरिक्त, सर्वेक्षण के दौरान 40 हजार लोग अनुपस्थित पाए गए. इस प्रकार, कुल 1.20 लाख नए लाभार्थियों को पेंशन का लाभ मिल सकता है.

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रविन्द्र इंद्राज सिंह, समाज कल्याण विभाग के मंत्री, ने बताया कि दिल्ली में सभी जरूरतमंदों को योजना का लाभ पहुंचाने के लिए पिछले साल नवंबर में प्राप्त 80 हजार आवेदनों का निपटारा किया जा रहा है. इसके अलावा, 40 हजार ऐसे लोग जिनका पता सही नहीं मिल रहा है, उनके लिए डोर टू डोर सर्वेक्षण किया जा रहा है.