लक्ष्मीकांत बंसोड़, बालोद। बालोद जिले के आदिवासी विकासखण्ड के अंतिम छोर पर बसे ग्राम पंचायत आमाडुला के किसानों को जलसंसाधन विभाग के ढीले काम की वजह से इस साल फसल लगा पाने की चिंता सता रही है.

दरअसल, 50 वर्षों से अधूरा पड़ा आमाडुला गांव में बना बांध बीते वर्ष अधिक बारिश की वजह से टूट गया था, जिससे किसानों की फसलों को भारी नुकसान हुआ था. इस नुकसान के एवज में किसानों को शासन की ओर से मुआवजा मिला जरूर, लेकिन बाँध के टूटने से किसानों की खेतों में पटा मलबा – कंकड़, पत्थर, मिट्टी को छह माह बीत जाने के बाद भी प्रशासन की ओर से नही उठवाया गया है. ऐसे में किसानों की चिंता बढ़ गई है कि मलबे को नहीं हटाने से वे कैसे खेती करेंगे.

किसानों की माने तो इस समस्या की ओर जलसंसाधन विभाग के अधिकारियों के साथ-साथ क्षेत्रीय विधायक व महिला बाल विकास मंत्री अनिला भेडिया को भी अवगत कराया कि 50 साल से अधूरे पड़े बांध को पूरा किया जाए, जिससे किसानों को बांध का पानी सिंचाई के लिए मिल सके. लेकिन मानसून की आहट के बाद भी इस दिशा में शासन-प्रशासन के किसी अमले में कोई हलचल नजर नहीं आने से किसानों की चिंता बढ़ गई है.

इस संबंध में जब लल्लूकाम डॉट कॉम ने जलसंसाधन के ईई टीसी वर्मा बताया कि बांध को भी इस तरीके से ठीक किया जाएगा कि बारिश में आने वाला पानी किसानों के खेत मे न घुसे और खेतों में पड़े मलबे को भी 3 दिन के भीतर निकाल लिया जाएगा. जिससे किसानों को फसल लगाने में कोई भी तकलीफ न हो. अब देखने वाली बात तो ये है कि जो काम विभाग ने बीते 6 माह ने नहीं किया, वो काम अब 3 दिन में कैसे पूरा करती है. और किसानों की समस्या को कब तक दूर करने में सफल होती है.