मनोज उपाध्याय,मुरैना। मध्य प्रदेश में आगामी विधानसभा चुनाव बहुत जल्द होना है। इसके लिए मुख्य पार्टी बीजेपी और कांग्रेस अभी से अपनी कमर कस ली है। जहां बीजेपी चुनाव में जीत दर्ज कर अपने कार्यकाल को बढ़ाना चाहती है। वहीं कांग्रेस अपने बीस साल के वनवास को ख़त्म कर सत्ता में वापसी करना चाहती है। लेकिन इससे पहले ही ग्वालियर चंबल अंचल के क़द्दावर वरिष्ठ कांग्रेसी नेता वृंदावन सिंह सिकरवार के बाग़ी तेवर नज़र आ रहे है।

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वरिष्ठ कांग्रेसी नेता वृंदावन सिंह सिकरवार ने पार्टी की कार्यप्रणाली पर सवालिया निशान लगाते हुए कहा है कि अगर विधान सभा चुनाव में जौरा से कांग्रेस पार्टी ने उनके बेटे को टिकट नहीं दिया तो पार्टी द्वारा खड़ा किया गया दूसरा प्रत्याशी नहीं जीत सकेगा। उनके इस बयान के बाद कांग्रेसियों में हड़कंप मच गया है। 

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पहले उपचुनाव में फिर नगर निगम चुनाव में कांग्रेस के लिए महत्वपूर्ण भूमिका निभाने वाले वरिष्ठ नेता वृंदावन सिंह सिकरवार ने पत्रकारों से चर्चा करते हुए बताया कि जौरा विधानसभा के पहाड़गढ़ ब्लॉक में अभी हाल ही में विनोद दुबे को अध्यक्ष बनाया गया है। जो कि हाल ही में भाजपा से कांग्रेस में आए है। इससे पुराने कांग्रेसी कार्यकर्ताओं का मनोबल टूटा है। वही जौरा ब्लॉक अध्यक्ष मनोज सिकरवार को बनाया गया है जो कि उस ब्लॉक के निवासी न होकर पहाड़गड ब्लॉक के रहने वाले है। संदिग्ध भूमिका वाले कांग्रेसी नेताओं ने ब्लॉक अध्यक्षों की नियुक्ति करते समय दस्तावेजों को ठीक से नहीं जांचा  और सभी सिफारिशी अध्यक्ष बनाये गये है।  उन्होंने कहा कि नियुक्तियों में बदलाव नहीं किया गया तो अंचल में कांग्रेस को आगामी चुनाव में नुकसान उठाना होगा। 

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कांग्रेसी नेता वृंदावन सिंह सिकरवार जौरा विधानसभा में नवनियुक्त तीन ब्लॉक अध्यक्षों की नियुक्ति से नाराज़ है।  उनका आरोप ही कि सभी नियुक्तियां गलत तरीके से हुई है। नियुक्ति करते समय जातिगत व सामाजिक समीकरणों का ध्यान नहीं रखा गया है। कांग्रेसी नेता ने इसके लिए कांग्रेस प्रदेश उपाध्यक्ष  संजय मसानी , राजकुमार पटेल , प्रदेश किसान कांग्रेस के अध्यक्ष दिनेश गुर्जर की भूमिका संदिग्ध बताई है। उन्होंने यह भी आरोप लगाया कि संजय मसानी सीएम शिवराज के रिश्ते में साले है। 

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