धीरज दुबे,कोरबा. राष्ट्रपति के दत्तक पुत्र कहे जाने वाले पहाड़ी कोरवाओं को कोरबा से ले जाकर महाराष्ट्र में बंधवा मजदूर बनाकर रखा गया है. कटघोरा में काम दिलाने की बात कहकर उन्हें ले जाया गया था. अब परिजन उन्हें वापस घर भेजने की बात कहते हैं तो ठेकेदार उनसे प्रति सदस्य 50-50 हजार रुपए जमा करने को कह रहा है. जिससे परेशान व भयभीत परिजनों ने जनदर्शन में कलेक्टर मो.कैसर अब्दुल हक से मदद की गुहार लगाई है.
बांगो थाना क्षेत्र के ग्राम देवद्वारी ग्राम पंचायत देवपहरी के बिरहोर समुदाय के 15 सदस्य और दलदली के ग्राम टोकाभाठा ग्राम पंचायत अजगरबहार के 7 पहाड़ी कोरवाओं व एक अन्य को महाराष्ट्र में बंधवा मजदूर बना लिए जाने की शिकायत की गई है. बंधवा मजदूरों के परिजनों ने कलेक्टर को सौंपे लिखित शिकायत में उल्लेख किया है कि लक्ष्मी नायक नाम का व्यक्ति उनके गांव पहुंचा और लोगों को कटघोरा में काम दिलाने की बात कही. जिसके झांसे में आकर आदिवासी परिवार के सदस्य उसके साथ चले गए. काफी दिन तक जब परिवार के कमाऊ सदस्य नहीं लौटे तो बच्चों व परिजनों ने उनसे संपर्क करने का प्रयास किया.
इसी बीच उन्हें पता चला कि महाराष्ट्र के ग्राम अलगर जिला सामली में बंधवा मजदूर बनाकर काम लिया जा रहा है साथ ही उन्होंने परिजनों को यह भी बताया कि उन्हें काफी परेशान किया जा रहा है. परिजनों को घर वापस लाने के लिए जब उन्होंने ठेकेदार से संपर्क किया तो ठेकेदार ने उनसे प्रति व्यक्ति 50-50 हजार रुपए की मांग की.
पहाड़ी कोरवा व बिरहोर परिवार के सदस्य इतवारी बाई और फूल सिंह ने बताया कि वे आर्थिक तंगी के बीच जीवन यापन कर रहे हैं. परिवार के कमाऊ सदस्यों को दूसरे राज्य में बंधक बनाकर रखा गया है और अब ठेकेदार उन्हें छोडऩे पैसे मांग रहा है. जिसे लेकर वे काफी भयभीत है. पीडि़त परिवार के सदस्यों ने कलेक्टर से मदद की गुहार लगाते हुए बंधवा मजदूरों को ठेकेदार के चंगुल से छुड़ाने की मांग की है.
वही कलेक्टर मो.कैसर अब्दुल हक़ का कहना है कि सम्बंधित अधिकारिओ कि टीम बनाकर जांच कि जाएगी और दोषियों पर कारवाही कि जाएगी.
आपको बात दे कि कोरवा जनजाति के लोग राष्ट्रपति के दत्तक पुत्र कहलाते हैं क्योंकि इन्हें सरंक्षित करने के साथ ही राष्ट्रपति ने इन्हें गोद लिया हुआ है.