सुकमा। नक्सल प्रभावित इलाकों में जवानों को नक्सलियों और मलेरिया दोनों से लड़ना पड़ रहा है. रविवार को कोबरा बटालियन के एक जवान की मौत हो गई. जवान का नाम बरमानंद है.
आज सुबह चिंतागुफा में कोबरा 206 में पदस्थ बरमानंद उत्तर प्रदेश निवासी की तबियत अचानक खराब हो गई. वहां प्राथमिक उपचार के बाद जवान को फोर्स की एम्बुलेंस से सुबह 9 बजे जिला अस्पतालललाया गया. जहाँ उपचार के दौरान करीब 10 बजे जवान की मौत हो गई.
डॉक्टरों के मुताबिक जवान को फेल्सीपेरम मलेरिया हो गया था, जो कि मलेरिया का सबसे खतरनाक प्रकार है, यह मस्तिक को गंभीर रूप से प्रभावित करता है. बताया जा रहा है कि जवान का कैम्प में साधारण इलाज ही किया जा रहा था. जिसकी वजह से उसकी हालत गंभीर हो गई.
नक्सलियों से ज्यादा मलेरिया खतरनाक 
दक्षिण बस्तर में कई ऐसी जगहें हैं जहां नक्सलियों से ज्यादा जवानों को मलेरिया जैसी बीमारियों और मच्छरों से लड़ना पड़ रहा है. बस्तर के इस इलाके को स्वास्थ्य महकमा द्वारा मलेरिया जोन भी घोषित किया जा चुका है. इन इलाकों में रहने वाले चाहे आदिवासी हों या फिर जवान, इनकी मौतें नक्सलियों की वजह से नहीं बल्कि मलेरिया जैसी बीमारियों की वजह से होती है.