चंडीगढ़, पंजाब। मोस्ट वांटेड आतंकवादी और बब्बर खालसा इंटरनेशनल (बीकेआई) आतंकवादी मॉड्यूल के सक्रिय सदस्य चरणजीत सिंह उर्फ पटियालवी (जो 12 साल से अलग-अलग पहचान का इस्तेमाल कर सुरक्षा एजेंसियों को चकमा दे रहा था) को पंजाब पुलिस के एंटी गैंगस्टर टास्क फोर्स (एजीटीएफ) ने रविवार को गिरफ्तार कर लिया. पुलिस ने यह जानकारी दी. राज्य सरकार ने हाल ही में गैंगस्टरों के खिलाफ कार्रवाई तेज करने के लिए डीजीपी बीके भावरा की देखरेख में एडीजीपी प्रमोद बान की अध्यक्षता में एक एजीटीएफ का गठन किया है. एजीटीएफ के डीआईजी गुरप्रीत सिंह भुल्लर ने कहा कि पटियाला जिले के रहने वाले आरोपी चरणजीत पटियालवी को 23 जुलाई 2010 को भगोड़ा घोषित किया गया था. हालांकि, उसके सहयोगी गुरमेल सिंह बोबा (अब मृतक) को डेटोनेटर और RDX की बरामदगी के साथ इस मामले में गिरफ्तार किया गया था. उन्होंने कहा कि एआईजी गुरमीत सिंह चौहान और डीएसपी बिक्रमजीत सिंह बराड़ के नेतृत्व में एजीटीएफ ने पटियालवी को डेरा बस्सी कस्बे से गिरफ्तार किया.

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आरोपी के कब्जे से अलग-अलग पहचान पत्र बरामद

एजीटीएफ के डीआईजी गुरप्रीत सिंह भुल्लर ने कहा कि पटियालवी खुद को ‘ग्रंथी’ के रूप में पश्चिम बंगाल के खड़गपुर में गुरुद्वारा साहिब में रह रहा था और किसी भी संचार साधन का उपयोग नहीं कर रहा था. पश्चिम बंगाल के पते पर अलग-अलग पहचान पत्र उसके कब्जे से बरामद किए गए हैं. डीआईजी (AGTF) भुल्लर ने कहा कि जांच प्रक्रिया में है और इससे और गिरफ्तारियां और महत्वपूर्ण खुलासे हो सकते हैं. पटियालवी बीकेआई मॉड्यूल का एक सक्रिय सदस्य था, जिसे पुलिस ने 2010 में लुधियाना में 2007 में शिंगार सिनेमा बम विस्फोटों में शामिल होने और 2010 में पटियाला और अंबाला में काली माता मंदिर में अन्य विस्फोटों में शामिल होने के लिए भंडाफोड़ किया था. पटियालवी के अन्य सभी साथियों को पुलिस ने 2010 में गिरफ्तार किया था.