Ajit Kumar Murder Case: बिहार के मोतिहारी में पीपरा थाना क्षेत्र के अजित कुमार हत्याकांड में बड़ा खुलासा हुआ है. प्रेम-प्रसंग के चलते अजित की हत्या की गई थी. अजित का शव हत्या के 45 दिन बाद 11 जनवरी को उसके घर से 3 किलोमीटर की दूरी पर जमीन से सड़ी-गली हालत में बरामद हुआ. दरअसल अपहरण के बाद पुलिस ने एक नामजद अभियुक्त को गिरफ्तार किया था, जिसने पुछताछ में हत्या के राज का खुलासा किया है.

8 साल से चल रहा था प्रेम-प्रसंग

दरअसल, मृतक अजित कुमार का अपनी मौसी के घर के पड़ोस में एक लड़की से पिछले 8 सालों से प्रेम-प्रसंग चल रहा था. लड़की जब अपने माता-पिता के साथ दिल्ली में रहने लगी तो सोशल मीडिया के जरिए भी दोनों का प्यार परवान चढ़ता रहा. इस बीच दोनों ने शादी करने का फैसला किया. अजित के परिजनों ने लड़की के पिता से दोनों की शादी करने की बात कहीं, इसपर लड़की के पिता ने हां कर दी. लेकिन लड़की का रिश्ता कहीं और कर दिया.

10 दिसंबर को लड़की की शादी की डेट फिक्स की गई. इसके बाद अजित का लड़की के परिजनों ने 29 नवंबर को अपहरण कर लिया. अजित के परिजन जब पुलिस के पास मामला दर्ज करवाने पहुंचे तो उन्हें वहां से भगा दिया गया. इसके बाद उन्होंने जब 5 दिसंबर को मोतिहारी पुलिस अधीक्षक को आवेदन दिया जब पीपरा थाने में प्राथमिकी दर्ज की गई.

45 दिन बाद मिला अजित का शव

अजित के अपहरण के करीब 45 दिनों के बाद उसके घर से तीन किलोमीटर की दूरी पर नदी के किनारे एक महिला घास काटने गई तो वहां मिट्टी की खुदाई कर कुछ दबाने का शक हुआ. इसके बाद पुलिस को मामले की सूचना दी गई. पुलिस ने वहां खुदाई करवाई तो जमीन में लगभग 3 फीट नीचे युवक का शव मिला. कपड़ों से उसकी पहचान अजित कुमार के रूप में हुई. पुलिस ने मामले में संज्ञान लेते हुए प्रेमिका के पिता बिनोद भगत को गिरफ्तार किया, जिसने पूछताछ कर दौरान हत्या का राज उगल दिया.

लड़की के पिता ने सुपारी देकर करवाई हत्या

आरोपी बिनोद भगत ने बताया कि, उसकी बेटी 8 सालों से अजित कुमार से प्यार करती थी. अजित ने उनकी बेटी के कुछ अश्लील वीडियो भी बना रखा था, जिसके जरिए वो उसे ब्लैकमेल करता था. हमने अपनी लड़की को अजित से दूर रहने के लिए कहा और लड़की का रिश्ता तय कर दिया. लेकिन अजित धमकी देने लगा की वो उसकी शादी नहीं होने देगा, जिसके बाद हमने एक लाख रुपये की सुपारी देकर अजित को रास्ते से हटाने की योजना बनाई.

मृतक की मां ने पुलिस पर लगाए आरोप

वहीं घटना को लेकर मृतक की मां का कहना है कि 29 नवंबर को अजित को घर से कोई बुलाकर ले गया था. जिसके बाद वो घर नहीं लौटा उसका मोबाइल भी बंद आ रहा था. हम 1 दिसंबर को पीपरा थाने में शिकायत लेकर पहुंचे तो थानाध्यक्ष ने उन्हें वहां से भगा दिया. 5 दिसंबर को मोतिहारी एसपी से मिलते तब जाकर प्राथमिकी दर्ज की गई. लेकिन थानाध्यक्ष बार-बार बोलते रहे कि तुम्हारा बेटा कही भाग गया है. अगर समय रहते वो आरोपी पर दवाब बनाते तो अजित बच सकता था.

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