इमरान खान, खंडवा। मध्य प्रदेश के खंडवा जिले के नागरिकों को अन्य जिलों की अपेक्षा बीते कई महीने से पेट्रोल और डीजल पर 1 रुपए 38 पैसे ज्यादा देने पड़ रहे थे। जिसे लेकर लोगों ने कई बार शिकायत भी की। वहीं अधिक पैसे वसूलने को लेकर तेल कंपनियों ने मार्ग परिवर्तित होने का हवाला दिया। जिसके बाद जिला कलेक्टर ने फूड डिपार्टमेंट के अधिकारियों को मामले की वास्तविकता पता करने के निर्देश दिए।
जिला कलेक्टर ने अनूप कुमार सिंह ने निर्देश अनुसार खाद्य विभाग द्वारा मोरटक्का जाकर टैंकरों का आवागमन चेक किया गया, तो टैंकर मोरटक्का पुल से ही आते-जाते मिले। जबकि तेल कंपनियों ने यह कहा था कि टैंकरों को मोरटक्का पुल की बजाय घूम कर आना पड़ता है। वह खरगोन होते हुए आते हैं। लेकिन खाद विभाग द्वारा मामले की सत्यता को कुछ और ही बताई गई।
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खंडवा के अपर कलेक्टर कांशीराम बड़ोले ने बताया कि, खाद्य विभाग के अफसर को टैंकरों की वास्तविकता जांचने के लिए मोरटक्का पुल पर भेजा गया था। जिसके बाद उन्होंने यह बताया है, कि टैंकर मोरटक्का पुल की ओर से ही आ रहे हैं। वह खरगोन से घूम कर नहीं आ रहे हैं। इसके बावजूद तेल कंपनियों द्वारा ट्रांसपोर्टेशन के नाम पर अतिरिक्त शुल्क वसूल किया जा रहा है।
उन्होंने कहा कि, हमने तेल कंपनियों के सेल्स मैनेजर को बुलाकर उनसे चर्चा की है, अब सेल्स मैनेजर द्वारा एनएचएआई को पत्र लिखे गए हैं। जल्द ही उन पत्रों का जवाब आएगा और आमजन को पेट्रोल और डीजल की बढ़ी हुई कीमतों से निजात मिलेगी।
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