राकेश चतुर्वेदी,भोपाल। मध्यप्रदेश में चुनावी साल में नगरीय निकायों की बल्ले-बल्ले होने वाली है. सभी नगरीय निकायों को जल्द 1193 करोड़ मिलेंगे. मुख्यमंत्री शहरी अधो-संरचना विकास योजना के तहत राशि 413 नगरीय निकायों को 1193 करोड़ 50 लाख स्वीकृत किए गए हैं.

इस राशि से सड़क निर्माण, शहरी यातायात सुधार, नगरीय सौन्दर्यीकरण, सामाजिक एवं खेल अधोसंरचनाएँ, उद्यान विकास से जुडे कार्यों के साथ ही निकाय के कार्यालय भवन निर्माण और उन्नयन के कार्य होंगे. मुख्यमंत्री शहरी अधो-संरचना विकास योजना का चौथा चरण 2 वित्तीय वर्षों के लिए लागू रहेगा.

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नगर निगम भोपाल, इंदौर, ग्वालियर एवं जबलपुर को 25-25 करोड़, उज्जैन को 15 करोड़ शेष सभी 11 नगर निगमों को 8-8 करोड़, नगर पालिकाओं में एक लाख से अधिक आबादी के 17 निकायों को 6-6 करोड़, एक लाख तक की आबादी के 82 निकायों को 5-5 करोड़, नगर परिषदों में 25 हजार से अधिक आबादी में 21 निगमों को 3-3 करोड़ और 25 हजार से कम आबादी के 277 निकायों को डेढ़-डेढ़ करोड़ रुपए मिलेंगे.

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योजना में पात्रता अनुसार निर्माण कार्यों के प्रस्ताव शीघ्र तैयार कर मुख्यालय भेजने के निर्देश दिये गए हैं. साथ ही प्रस्तावित कार्य स्थल के स्वामित्व एवं आधिपत्य का प्रमाण निकाय को देना होगा. निर्देशित किया गया है कि प्रस्तावित कार्यों की डिजाइन शासकीय इंजीनियरिंग पॉलिटेक्निक कॉलेज से अनुमोदन कराकर ही निविदायें आमंत्रित की जायेंगी. निविदा उपरांत डिजाइन कराया जाना मान्य नहीं होगा. योजना के उचित क्रियान्वयन के लिए नगर पालिक निगम परिषद, नगर पालिका परिषद या नगर परषिद के अधिकारों का उपयोग मेयर इन काउंसिल और प्रेसिडेंट इन काउंसिल द्वारा किया जा सकेगा. निर्माण कार्यों की सतत मॉनीटरिंग के भी निर्देश दिये गए हैं.

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