न्यामुद्दीन अली, अनूपपुर/संजय विश्वकर्मा, उमरिया। मध्यप्रदेश के अनूपपुर जिले (Anuppur) में नाबालिग से शादी का झांसा देकर बलात्कार (Rape) के मामले में सजा सुनाई गई है। न्यायालय ने आरोपी को 20 साल के सश्रम कारावास की सजा (Punishment) सुनाई है। इधर अवैध गांजा (Illegal ganja) रखने के आरोप में तीन आरोपितों को 8-8 वर्ष की कठोर कारावास और 75 हजार के अर्थदण्ड से दंडित किया है। वहीं उमरिया जिले (Umaria) में नाबालिग बेटी से बलात्कार करने वाले कलयुगी पिता को डीएनए के आधार पर आजीवन कारावास की सजा सुनाई गई है।
नाबालिग से शादी करने की बात कर बलात्कार करने वाले आरोपी को 20 वर्ष का सश्रम कारावास
द्वितीय अपर सत्र न्यायाधीश आर.पी.सेवेतिया की न्यायालय ने थाना कोतवाली के अपराध की धारा 366, 376(2)एन भादवि एवं 5(एल) (जे) (II)/6 पॉक्सो एक्ट के आरोपी 26 वर्षीय रामरहीस बैगा पुत्र छोटेलाल बैगा निवासी ग्राम मझौली, चौकी केशवाही, थाना बुढार शहडोल को आजीवन कारावास और 3000 रुपये के अर्थदण्ड की सजा सुनाई हैं। पैरवी सहायक जिला लोक अभियोजन अधिकारी शशि धुर्वे ने की।
सहायक जिला लोक अभियोजन अधिकारी ने बताया कि पीड़िता अपने मौसी के ग्राम में निवास करती थी। तब आरोपित पीड़िता से मिलने आया करता था और जब भी उसे मिलता था तो उसे पसंद करने की बात करता था। 23 मई 2021 को पीड़िता से शादी करने की बात करते हुए उसे उसके घर से बिना बताये अपने साथ जनकपुर ले गया। जिस पर पीड़िता के परिजनों ने उसकी गुमशुदगी दर्ज कराई।
जहां आरोपित ने पीड़िता को अपने साथ रखकर उसके साथ शारीरिक संबंध बनाया। जिससे वह गर्भवती हो गई। इस बीच पुलिस ने पीड़िता को आरोपित के पास से दस्तयाब करते हुए उसका चिकित्सीय परीक्षण करा आरोपित को अभिरक्षा में लेते हुए अनुसंधान समाप्ति पर अभियोग पत्र न्यायालय में पेश किया। जहां पर आरोपित पर दोष सिद्ध होने पर सजा सुनाई गई।
अवैध गांजा रखने के आरोप में तीन आरोपितों को सजा
विशेष न्यायाधीश (स्वापक औषधि तथा मन: प्रभावी पदार्थ अधिनियम 1985) पंकज जायसवाल की न्यायालय ने थाना जैतहरी के विशेष प्रकरण में अपराध की धारा 20 (बी)/8 एनडीपीएस एक्ट के आरोपित 53 वर्षीय जगतप्रसाद गुप्ता पुत्र नानदादी गुप्ता निवासी छातापटपर थाना जैतहरी, 35 वर्षीय राजाराम चौधरी पुत्र रामगोपाल चौधरी, 23 वर्षीय सागर चौधरी पुत्र रामप्रसाद चौधरी दोनों निवासी पोडी, बरबसपुर थाना भालूमाडा को 8-8 वर्ष का कठोर कारावास और कुल 75 हजार रुपये अर्थदण्ड की सजा सुनाई है। पैरवी अपर लोक अभियोजक सुधा शर्मा ने की।
सहायक जिला लोक अभियोजन अधिकारी ने बताया कि पुलिस थाना जैतहरी में 16 अक्टूबर 2019 को मुखबिर से सूचना मिली थी। जिस पर बताये हुए स्थान ग्राम छातापटपर गोविन्द चौधरी के घर के पास संदेही व्यक्ति जगत प्रसाद गुप्ता अपने दो साथी राजाराम चौधरी और सागर चौधरी के साथ दस्तयाब होने पर संदेहियों की तलाशी में तीनों एक-एक बोरी रखे हुए थे। जिनके अंदर अवैध गांजा रखा था, जिसे तौलने पर जगत प्रसाद के पास 19 किलो 860 ग्राम, राजाराम चौधरी के पास 18 किलो 860 ग्राम और सागर चौधरी के पास 17 किलो 860 ग्राम गांजा पाया गया।
तीनों के पास बरामद गांजा में से 50-50 ग्राम पदार्थ परीक्षण के लिए प्रत्येक कार्रवाई का पंचनामा जप्तशुदा करते हुए विवेचना संबंधी संपूर्ण कार्रवाई के बाद अभियोग पत्र न्यायालय के समक्ष विचारण के लिए पेश किया गया। जहां आरोपितों को दोषी पाते हुए न्यायालय ने सजा सुनाई।
कलयुगी पिता को आजीवन कारावास
मीडिया प्रभारी अभियोजन एडीपीओ नीरज पाण्डेय ने बताया कि 31 मार्च 2021 को इंदौर रेल्वे स्टेशन प्लेटफार्म नंबर 4 पर पीड़ित बालिका असुरक्षित अवस्था में प्राप्त हुई। रेल्वे स्टेशन में ललिता पटेल रेल्वे चाईल्ड में टीम सदस्य के रूप में तैनात थी। सी.डब्ल्यू.सी. उज्जैन के आदेशानुसार पीड़िता को मेडिकल के बाद राजकीय बाल आश्रम छावनी में रखा गया।
पीड़िता को रेलवे स्टेशन लाकर उसकी काउंसलिंग किये जाने पर बताया कि होली की रात 29 मई 2021 जब पीड़िता की मां और दोनों भाई नानी के घर गये थे। तब घर पर अकेली TV देख रही थी> उसी समय उसके पिता घर के अंदर आकर बोले कि टीवी बंद करके सो जाओ। पीड़िता टीवी बंद कर सोने चली गई, कुछ ही देर बाद उसके पापा पास आकर लाईट बंद कर उसका हाथ पकड़ लिया और गलत हरकत (बलात्कार) किया, तब उसने अपने बचाव में अपने पापा को गाल में काट दिया। पापा उसके साथ बलात्कार करने के बाद बाहर चले गये, पापा ने उसके साथ ऐसी हरकत (बलात्कार) कई बार की है। पीड़िता ने यह घटना अपनी मां को बताई, जिसे मां ने नजर अंदाज कर दिया।
पीड़िता की शिकायत पर जीआरपी थाना में अभियुक्त के विरूद्ध धारा 376 (2) भादस 3/4 पॉक्सो एक्ट के अंतर्गत मामला पंजीबद्ध किया गया और क्षेत्राधिकार पाली थाना जिला उमरिया का होने के कारण मामला पाली थाना अंतरित किया गया। पीड़िता ने यह भी बताया था कि उसका आरोपी पिता उसके छोटे भाईयों के साथ मारपीट करता था। इस कारण पीड़िता अपने दोनों छोटे भाइयों को लेकर इंदौर चली आई थी।
डीएनए के आधार पर मिली सजा
न्यायालय में पीड़िता और उसकी मां ने आरोपी पिता द्वारा किसी भी प्रकार का बलात्कार किये जाने की घटना से इंकार किया। पीड़िता ने बताया कि उसके आरोपी पिता ने उसके साथ किसी भी प्रकार का गलत शारिरिक संबंध नहीं बनाया है। प्रकरण में अभियोजन ने पीड़िता का चिकित्सकीय परीक्षण कराये जाने के बाद डीएनए जांच करवाया। जिसमे पीड़िता के साथ अभियुक्त पिता द्वारा किये गये शारीरिक संबंध की पुष्टि हुई। अभियोजन ने डीएनए जांच और पुलिस विवेचना के आधार पर ही दोषी सिद्ध किया।
राज्य की ओर से मामले में जिला लोक अभियोजन अधिकारी अर्चनारानी मरावी और सहायक जिला लोक अभियोजन अधिकारी बी. के. वर्मा ने सशक्त पैरवी की। आरोपी को कठोर से कठोर दण्ड देने का निवेदन किया। इस प्रकरण में विशेष न्यायाधीश विवेक सिंह रघुवंशी के न्यायालय ने आरोपी पुरुषोत्तम उर्फ लल्लू पनिका को भा.द.सं. की धारा 376 (2) (एफ), (ढ) के अंतर्गत आजीवन कारावास और कुल 1000 रुपये के अर्थदण्ड से दण्डित किया है।
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