शब्बीर अहमद,भोपाल। मप्र विधानसभा के मानसरोवर सभागार में पूर्व विधायकों का सम्मेलन चल रहा है. इस सम्मेलन में विधानसभा अध्यक्ष गिरीश गौतम ने मंच से पूर्व विधायकों के लिए बड़ी घोषणाएं की है. उन्होंने कहा कि पूर्व विधायकों को ट्रेन में दो AC सीट मिले, ये प्रस्ताव राज्य सरकार को भेजा है. पूर्व विधायकों के लिए 25 कमरा रेस्ट हाउस में हमेशा आरक्षित रहेंगे. 25 कमरों में से 20 पुरुष और 5 महिलाओं के लिए आरक्षित होंगे. पूर्व विधायक को रेस्ट हाउस नहीं मिला, ये शिकायत आती थी. दुख होता है, ये सुनकर कोई पूर्व विधायक को कमरा नहीं मिला.
विधायक रेस्ट हाउस में मिलेगी ये सुविधा
विधानसभा अध्यक्ष गिरीश गौतम ने आगे कहा कि किसी भी तरह की सरकारी छुट्टी हो रोज 2 घंटे के लिए कूपन काउंटर खुलेगा. रेलवे टिकट के लिए भी रोज 2 घंटे काउंटर खुलेगा. विधायक रेस्ट हाउस में सुविधा मिलेगी. विधायक रेस्ट हाउस में 6 दिन के लिए नाश्ता फ्री भी मिलेगा. क्योंकि पूर्व विधायकों का अपनी समस्याएं बताते दर्द छलक उठा था.
विधानसभा के अंदर आ रही बुराई को दूर करना है
उन्होंने कहा कि विधानसभा में कोई बुराई आती है, तो उसे दूर करना चाहिए. आप सब उस जमाने के विधायक है, जब फेस टू फेस बात होती थी. सोशल मीडिया का जमाना नहीं था. पहले सदन में सवाल के आधार पर समाचार बनते थे, अब समाचार के आधार पर सदन में सवाल लगते हैं. आज के जमाने से पहले का जमाना बेहतर था. रोटी के लिए आज भी श्रम करना होगा, रोटी गूगल से नहीं मिलती. गूगल से असली नकली जानकरी निकलती है. मैंने आज पूर्व विधायकों को निमंत्रण दिया है. पक्ष विपक्ष को नहीं. विधानसभा के अंदर जो बुराई आ रही है, उसको दूर करना है.
पूर्व विधायक की मांग पर उड़ाई जाती हैं खिल्लियां
पूर्व विधायक जसवंत सिंह मंच से कहा कि पूर्व विधायक मांग करते हैं, तो खिल्लियां उड़ाई जाती हैं. कम कीमत में मिलने वाले खाने को लेकर आलोचना होती है. हम लोगों की तकलीफ सुनते है, लेकिन हमारी तकलीफ सुनने वाला कोई नहीं है. पूर्व विधायक होने के बावजूद दो-दो रुपये के लिये हाथ फैला रहे हैं. पूर्व विधायकों को कोई किराए से भी मकान नहीं देता है. पूर्व विधायकों को संसदीय सचिव के बराबर की सुविधा मिलनी चाहिए.
पूर्व विधायकों की ये है मांगें
विधानसभा के रेस्ट हाउस में रुकने के लिए किराया न लिया जाए. अभी पूर्व विधायकों को पहले तीन दिन 20 रुपए रोज और इसके बाद तीन दिन 50 रुपए और इसके बाद 100 रुपए रोज के हिसाब से किराया देना पड़ता है. इसके साथ ही मांग की है कि विधानसभा दफ्तर में होने वाले चाय नाश्ते का खर्च भी विधानसभा कार्यालय उठाए. विधायकों ने सड़कों पर टोल टैक्स से छूट और पेंशन बढ़ाने की भी मांग की थी.
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