इमरान खान, खंडवा। मध्य प्रदेश के 70 वें स्थापना दिवस के मौके पर प्रदेश को एक नए अभयारण्य की सौगात मिली है। यह अभ्यारण्य खंडवा और देवास जिले में पहले घने जंगल को मिलाकर बनाया जाएगा। इसका नाम ओंकारेश्वर अभ्यारण होगा। मध्य प्रदेश में 26 अभ्यारण पहले से हैं। यह 27वां अभ्यारण होगा। 

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मुख्यमंत्री मोहन यादव ने आज इसकी घोषणा करते हुए कहा कि यह अभ्यारण न केवल वाइल्डलाइफ की दृष्टि से बल्कि प्राकृतिक सौंदर्य और आध्यात्मिक दृष्टि से भी पर्यटकों को आकर्षित करेगा। इस अभ्यारण से स्थानीय लोगों को रोजगार के नए अवसर उपलब्ध होंगे।

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खंडवा और देवास जिले के 611 वर्ग किलोमीटर वन क्षेत्र को मिलाकर ओंकारेश्वर अभयारण्य बनाया जाएगा। देवास जिले के खीवनी अभ्यारण को जोड़ने वाला कॉरिडोर भी बनेगा। खीवानी में 11 टाइगर पहले से मौजूद है इस अभ्यारण के जंगल क्षेत्र में टाइगर, भालू, लेपर्ड हायना और अनेक तरह के जंगली और शाकाहारी जानवर मौजूद है।

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खंडवा जिले के ओंकारेश्वर में अभयारण्य के लिए बेसिक इंफ्रास्ट्रक्चर जैसे स्टाफ के लिए रेसिडेंस, चेकपोस्ट, वॉच टावर, पेट्रोलिंग कैंप तैयार कर लिए गए हैं। 611 वर्ग किलोमीटर क्षेत्र ओंकारेश्वर अभ्यारण्य के लिए प्रस्तावित किया गया है। जिसमें खंडवा जिले का लगभग 350 वर्ग किलोमीटर और देवास जिले का लगभग 260 वर्ग किलोमीटर क्षेत्र शामिल किया गया है। खासियत ये भी है कि इसमें आबादी वाले क्षेत्र शामिल नहीं है। इसलिए विस्थापन की स्थिति भी नहीं बनेगी। 

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इस अभयारण्य में न केवल जंगली जानवर बल्कि प्राकृतिक सुंदरता भी मौजूद है। इंदिरा सागर बांध के बैकवॉटर में लगभग 50 से ज्यादा टापू है। घना जंगल है, जहां पर शाकाहारी और मांसाहारी जानवर तो मौजूद है विभिन्न प्रजातियों के पक्षी और  प्राकृतिक सुंदरता भी अद्भुत है। अभ्यारण बनाने से यहां के स्थानीय लोगों के लिए पर्यटन से जुड़े रोजगार की अपार संभावनाएं भी खुलेंगी।

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