अमृतसर. लोकसभा चुनाव में निर्दलीय प्रत्याशी के रूप में विजयी खालिस्तान समर्थक सांसद अमृतपाल सिंह को पंजाब और हरियाणा हाईकोर्ट से कोई राहत नहीं मिली है। वह संसद के बजट सत्र में शामिल नहीं हो सकेंगे। हालांकि, संसद से छुट्टी मंजूर होने के बाद, हाईकोर्ट ने उनकी याचिका का निपटारा कर दिया है। इसके साथ ही उनकी सांसद सदस्यता बरकरार रहेगी।

सांसद पद पर खतरा ?

अपनी याचिका में अमृतपाल सिंह ने कहा था कि अगर वह लगातार 60 दिनों से अधिक अनुपस्थित रहते हैं, तो उनकी खडूर साहिब संसदीय सीट पर खतरा उत्पन्न हो सकता है, जिससे उनके 19 लाख मतदाता प्रतिनिधित्व से वंचित रह जाएंगे।
संसदीय नियमों के अनुसार, यदि कोई सांसद लगातार 60 दिनों तक संसद में उपस्थित नहीं होता और उसकी अनुपस्थिति को स्वीकृति नहीं मिलती, तो उसकी सदस्यता समाप्त की जा सकती है।


कमीटी की सिफारिश

इससे पहले, लोकसभा स्पीकर ओम बिरला ने सांसदों की छुट्टियों पर विचार करने के लिए 15 सदस्यीय समिति गठित की थी, जिसकी अध्यक्षता भाजपा सांसद और त्रिपुरा के पूर्व मुख्यमंत्री बिप्लब कुमार देब कर रहे हैं।
अमृतपाल सिंह की अर्जी पर विचार करने के बाद, समिति ने उन्हें अनुपस्थिति के लिए छुट्टी देने की सिफारिश की है। हालांकि, अंतिम निर्णय लोकसभा स्पीकर द्वारा लिया जाएगा।

54 दिन की छुट्टी के लिए आवेदन

अमृतपाल सिंह अप्रैल 2023 से राष्ट्रीय सुरक्षा कानून (NSA) के तहत असम की डिब्रूगढ़ जेल में बंद हैं। उन्होंने लोकसभा स्पीकर को दो अनुरोध पत्र सौंपे थे, जिनमें नजरबंदी के कारण संसद से अनुपस्थिति की अनुमति मांगी गई थी।