सुधीर दंडोतिया, भोपाल. मध्यप्रदेश विधानसभा के अध्यक्ष नरेंद्र सिंह तोमर ने लोकहित में महत्वपूर्ण निर्णय लेते हुए ” प्रश्न एवं अल्प सूचना प्रश्न” की कंडिका में बदलाव किया है। अब विधानसभा के विघटन के बाद भी लंबित प्रश्नों के जवाब सरकार द्वारा संबंधित सदस्य को प्रदान किए जाएंगे। इस महत्वपूर्ण निर्णय से पहले जहां विधानसभा का कार्यकाल समाप्त होने के पर पूर्व के सत्रों के लंबित प्रश्नों के अपूर्ण उत्तर नहीं दिए जाते थे, और इससे लोकहित के कई विषयों पर कार्यवाही नही हो पाती थी, किंतु अब नए संशाेधन से लंबित प्रश्नों के उत्तर विधानसभा कार्यकाल समाप्त होने के बाद भी दिया जाएगा।

विधानसभा अध्यक्ष नरेंद्र सिंह तोमर ने 20 दिसंबर 2023 को अध्यक्ष पद पर निर्वाचन के बाद इस संबंध में घोषणा की थी। गुरूवार को विधानसभा अध्यक्ष द्वारा विधानसभा का कार्यकाल समाप्‍त होने पर प्रश्‍न संदर्भ समिति के समक्ष लंबित प्रकरणों को शून्‍य अथवा व्‍यपगत एवं समाप्‍त कर दिये जाने के संबंध में यह घोषित किया गया है कि “अब विधान सभा के विघटन के पूर्व सत्र तक लंबित प्रश्‍नों के अपूर्ण उत्‍तरों के उत्‍तर व्‍यपगत नहीं होंगे। इसके संबंध में परीक्षण कर प्रश्‍न एवं संदर्भ समिति द्वारा कार्यवाही की जावेगी तथा समिति द्वारा अनुशंसा सहित प्रतिवेदन प्रस्‍तुत किया जायेगा।’

इसके लिए अध्यक्ष के स्थाई आदेश के अध्याय 3 प्रश्न एवं अल्प सूचना प्रश्न की कंडिका “13−क” के पश्चात संशोधन द्वारा अंतः स्थापित नवीन कंडिका ” 13−ख” को विलोपित कर दिया गया है।

यह आदेश पूर्ववर्ती चतुर्दश एवं पंचदश विधानसभा के सभी लंबित प्रश्नों पर लागू किया जाएगा। गौरतलब है कि इस संबंध में चौदहवीं विधानसभा के प्रकरणों की संखया 391 एवं पन्‍द्रहवीं विधानसभा के प्रकरणों की संख्या 225 है। पहले नियमों के अनुसार ये स्‍वत: व्‍यपगत हो गये थे, लेकिन ब नियम में संशोधन होने के बाद व्‍यपगत नहीं होंगे एवं इस संबंध में परीक्षण करके प्रश्न एवं संदर्भ समिति द्वार कार्यवाही करके प्रतिवेदन प्रस्तुत किया जाएगा।

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