नयामुद्दीन अली, अनूपपुर। मध्यप्रदेश सरकार के खाद्य मंत्री बिसाहूलाल सिंह के बेटे ओम प्रकाश सिंह द्वारा आदिवासी परिवार को उसके प्रधानमंत्री आवास से बेदखल करवा दिए जाने का मामला तूल पकड़ता जा रहा है. इस पूरे मामले को लेकर महिला के समर्थन में जिला कांग्रेस कमेटी उतर आई है. पुष्पराजगढ़ विधायक फुन्देलाल सिंह, कोतमा विधायक सुनील सराफ समेत सैकड़ों कार्यकर्ताओं ने कलेक्ट्रेट परिसर में धरना देकर प्रशासन को ज्ञापन सौंपा है और पीड़ित परिवार को जल्द न्याय दिलाने की मांग की है. हालांकि बाद में गांव में ही एक जगह पर परिवार को ठहराया गया है.

ज्ञापन में कांग्रेस नेताओं ने कहा है कि प्रदेश सरकार के मंत्री ने अपनी सत्ता के प्रभाव से आदिवासी परिवार को उसके प्रधाममंत्री आवास से बेदखल करवाया है. एक तरफ प्रदेश सरकार अपने आप को आदिवासी समाज के हितैषी बताती है. वहीं दूसरी तरफ उनके केबिनेट मंत्री बिसाहूलाल सिंह के बेटे ओम प्रकाश सिंह ने एक आदिवासी परिवार को उसके प्रधाममंत्री आवास से बेदखल करवाकर उस पर अत्याचार कर रहा है. कांग्रेस इसकी निंदा करती है. जब तक पीड़ित परिवार को न्याय नहीं मिल जाता तब तक कांग्रेस परिवार के साथ है.

मंत्री के बेटे की दबंगई: न्यायालय के फैसले के पहले किया घर से बेदखल, कड़ाके की सर्दी में खुले आसमान के नीचे आदिवासी परिवार

यह है पूरा मामला

मंत्री बिसाहूलाल सिंह के गांव परासी में 6 एकड़ जमीन थी, जो 3-3 एकड़ रतिराम गोंड और संतोष सिंह के नाम पर दर्ज थी. 2010 से 2021 तक यह जमीन दोनों के नाम पर रही. वहीं मंत्री पुत्र ओमप्रकाश सिंह ने रतिराम से पूरी जमीन की रजिस्ट्री अपने नाम करवाली  और संतोष सिंह जो कि पीड़ित है उसके नाम की जमीन में अवैध काबिज एसडीएम कोर्ट अनूपपुर से सिद्ध करा दिया, जबकि पीड़ित संतोष सिंह आधी जमीन का मालिक था. एसडीएम अनूपपुर के बेदखली के आदेश के बाद पीड़ित ने सिविल कोर्ट अनूपपुर में न्याय के लिए गुहार लगाई. नियम कहता है कि कोई भी प्रकरण यदि न्यायालय में विचाराधीन है तो उस पर कार्रवाई करना न्याय संगत नहीं है, बाबजूद इसके मंत्री पुत्र ने आदिवासी परिवार को बेघर करने में कोई कसर नहीं छोड़ी.

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