न्यामुद्दीन अनूपपुर। मध्यप्रदेश में प्रधानमंत्री आवास से आदिवासी परिवार को बेदखल करने में मंत्री के बेटे की दबंगई सामने आई है। मंत्री के बेटे की इस हरकत से कड़ाके की सर्दी में पूरा परिवार खुले आसमान के नीचे गुजारा करने को मजबूर है। इस मामले में सबसे चौंकाने वाली बात यह है कि प्रकरण नम्यायालय में लंबित है। न्यायालय में लंबित होने के बाद मंत्री के बेटे की दबंगई स्वयं को और पिता मंत्री को भी भारी न पड़ जाए। वहीं इस मामले में पीडि़त परिवार को न्याय दिलाने कांग्रेस ने आंदोलन की चेतावनी दी है।

जानकारी के अनुसार मध्यप्रदेश के खाद्य एवं नागरिक आपूर्ति मंत्री बिसाहु लाल सिंह के बेटे ओमप्रकाश सिंह और संतोष सिंह के बीच जमीन विवाद का मामला सिविल कोर्ट अनूपपुर में लंबित है। मामला न्यायालय में लंबित होने के बाद भी मंत्री के बेटे ओमप्रकाश ने अपने ही गांव में दबंगई से घर खाली करवा आदिवासी संतोष सिंह के परिवार को घर से बेदखल कर दिया है। जिससे पूरा परिवार कड़ाके की ठंड में खुले आसमान के नीचे गुजारा करने को मजबूर है।

बता दें कि राजेंद ्रग्राम थाना अंतर्गत ग्राम परासी में मंत्री पुत्र ओमप्रकाश की 6 एकड़ है जो पहले 3-3 एकड़ रतिराम गोंड और संतोष सिंह दोनों के नाम से दर्ज थी। 2010 से 2021 तक यह जमीन दोनों के नाम पर रही। मंत्री पुत्र ओमप्रकाश सिंह ने रतिराम से पूरी जमीन की रजिस्ट्री अपने नाम करवाई और संतोष सिंह जो कि पीडि़त है उसके नाम की जमीन में अवैध कब्जा एसडीएम कोर्ट अनूपपुर से सिद्ध कर दिया। जबकि पीडि़त संतोष सिंह आधी जमीन का मालिक था जिसे अवैध कब्जाधारी बता बेदखली करवा मंत्री पुत्र ने पूरी 6 एकड़ जमीन अपने नाम करवा ली है। एसडीएम अनूपपुर के बेदखली के आदेश के बाद पीडि़त ने सिविल कोर्ट अनूपपुर में न्याय के लिए गुहार लगाई है। मामला अभी न्यायालय में विचाराधीन है। इसके बाद भी मंत्री पुत्र ने दबंगई दिखाते हुए न्यायालय के फैसले के पहले ही उसे बेदखल कर दिया। पीडि़त आदिवासी परिवार अब सड़क के किनारे खुले आसमान के नीचे रात गुजारने को मजबूर है।

मंत्री पुत्र के इस अमानवीय कृत्य के बाद खुद बीजेपी के पूर्व प्रदेश उपाध्यक्ष, पूर्व विधायक छतीसगढ़ प्रदेश अनुसूचित जनजाति मोर्चे के प्रभारी रामलाल रौतेल ने निंदा की। उन्होंने इस कृत्य को अमानवीय बताते हुए पीडि़त को न्याय दिलाने संबंधित राजस्व अधिकारियों से बात करने का भरोसा दिलाया है।

बीजेपी आदिवासी विरोधी पार्टी
वहीं इस मामले को लेकर विपक्ष कांग्रेस मुद्दा बनाते हुए पीडि़त को न्याय दिलाने आंदोलन की बात कह रही। कांग्रेस के कोतमा विधायक सुनील सराफ ने भाजपा सरकार और मंत्री बिसाहुलाल सिंह को आदिवासी विरोधी बताया है।

इस मामले में पीडि़त के वकील का कहना है कि कोर्ट के निर्णय का इंतजार किये बिना ही मंत्री पुत्र ने बेदखली कार्रवाई कर दी गई जो न्याय संगत नहीं।

आदेश का किया पालन
अनुविभागीय राजस्व अधिकारी (एसडीएम) अनूपपुर कमलेश पूरी का कहना है कि कमिश्नर कार्यालय से बेदखली का आदेश जारी हुआ था। हमने आदेश का पालन किया। कोर्ट में विचाराधीन मामले में स्टे न होने का हवाला दिया है।

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