कर्ण मिश्रा, ग्वालियर। मध्य प्रदेश विधानसभा चुनाव 2023 में ग्वालियर चंबल अंचल सत्ता सिंहासन हासिल करने का मुख्य केंद्र बना हुआ है। क्योंकि 2018 और 2020 में इस अंचल ने ही बीजेपी-कांग्रेस की सरकार बनवाई है, लेकिन इस बार BJP-CONG का समीकरण हाथी यानी बहुजन समाज पार्टी (BSP) की चाल ने बिगाड़ दिया है। पढ़िए ये खास रिपोर्ट…
2023 में अपनी सरकार बनाने में जुटी BJP और CONGRESS दोनों के बीच सीधा मुकाबला है, ये मुकाबला किसी रस्साकशी के खेल से कम भी नहीं है। लेकिन इस चुनावी खेल में कोई दाव बिगाड़ दे तो जीतने वाले का क्या हाल होगा, कुछ ऐसा ही समीकरण ग्वालियर भिंड और मुरैना की 17 सीटों में से 10 सीटों पर बन गया है। जहां कांग्रेस और बीजेपी के लिए बसपा चुनावी समीकरण का दाव बिगाड़ सकती है। आइए आपको सबसे पहले उन सीट से रूबरू कराते है, जहां BJP- CONG का BSP समीकरण बिगाड़ सकती है…
मुरैना सीट
- BJP से प्रत्याशी रघुराज सिंह कंसाना
- CONG से प्रत्याशी दिनेश गुर्जर
- BSP से प्रत्याशी राकेश सिंह
BJP के पूर्व मंत्री रुस्तम सिंह BSP में शामिल हो गए है, वे BJP उम्मीदवार के लिए समीकरण बिगाड़ सकते है, क्योंकि उनका बेटा राकेश सिंह BSP के टिकिट पर चुनावी मैदान में है।
दिमनी सीट
- BJP प्रत्याशी केंद्रीय मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर
- CONG से रविंद्र सिंह तोमर
- BSP से बलवीर सिंह दंडोतिया
कांग्रेस के बलवीर दंडोतिया कुछ समय पहले ही बीएसपी में शामिल हुए है, और BSP के टिकट पर चुनावी मैदान में है। वे CONG के समीकरण बिगाड़ सकते है।
सुमावली सीट
- CONG अजब सिंह कुशवाह
- BJP एदल सिंह कंषाना
- BSP कुलदीप सिकरवार
कांग्रेस से टिकट मिलने के बाद फिर टिकट काटे जाने से आहत हुए कुलदीप सिकरवार ने BSP ज्वाइन की है और वे BSP टिकट पर चुनावी मैदान में है। CONG के समीकरण बिगाड़ सकते है।
ग्वालियर ग्रामीण
- BJP से भारत सिंह कुशवाह( उद्यानिकी मंत्री)
- CONG से साहब सिंह गुर्जर
- BSP से सुरेश सिंह बघेल
ग्वालियर ग्रामीण विधानसभा 2008 के परिसीमन के बाद अस्तित्व में आई। जहां 2008 में BSP विधायक चुना गया, 2013 में BJP का समीकरण बिगड़ा, वहीं 2018 में BSP उम्मीदवार को 1517 वोट के मामूली अंतर से हार का सामना करना पड़ा।
ग्वालियर पूर्व
- BJP उम्मीदवार माया सिंह
- CONG प्रत्याशी डॉ सतीश सिकरवार
- BSP कैंडिडेट प्रहलाद सिंह
ग्वालियर पूर्व विधानसभा यूं तो बीजेपी का गढ़ रही है, लेकिन वर्तमान में यहां पर कांग्रेस के विधायक काबिज हैं। बीएसपी के प्रहलाद सिंह उर्फ प्रकाश टेलर के चुनावी मैदान में उतरने के बाद कांग्रेस को अपने दलित वोट का बड़ा नुकसान उठाना पड़ सकता है, क्योंकि प्रहलाद सिंह की पहचान दलित नेता के रूप में की जाती है। प्रहलाद CONG प्रत्याशी का समीकरण बिगाड़ सकते है।
भिंड सीट
- BJP नरेंद्र सिंह कुशवाह
- CONG चौधरी राकेश सिंह
- BSP संजीव कुशवाहा
बहुजन समाज पार्टी से वर्तमान विधायक संजीव कुशवाहा है, जिन्होंने 2021 में BJP ज्वाइन कर ली थी। इस बार टिकट कटने से नाराज होकर फिर BSP में शामिल होकर चुनावी मैदान में है। वे BJP का समीकरण बिगाड़ सकते है।
लहार सीट
- BJP अमरीश शर्मा उर्फ गुड्डू
- CONG डॉ गोविंद सिंह
- BSP से रसाल सिंह
भारतीय जनता पार्टी के कद्दावर नेता पूर्व विधायक रसाल सिंह टिकट कटने से नाराज होकर BSP में शामिल होकर चुनावी मैदान में है। वे BJP के समीकरण बिगाड़ सकते है।
डबरा सीट
- BJP इमरती देवी
- CONG सुरेश राजे
- BSP सत्यप्रकाशी परसेंडिया
कुछ समय पहले ही कांग्रेस छोड़ बसपा में शामिल हुई सत्यप्रकाशी परसेंडिया BSP के टिकट पर चुनावी मैदान में है। जो CONG को काफी नुकसान पहुंचा सकती है। हालांकि सत्यप्रकाशी लंबे समय तक बीएसपी में ही रही है। डबरा में 15 साल तक नगर पालिका अध्यक्ष भी रहीं है। चुनाव से एक साल पहले ही उन्होंने CONG ज्वाइन की थी। लेकिन BSP टिकट पर चुनाव मैदान में उतरने से सत्यप्रकाशी भाजपा-कांग्रेस दोनों के दलित वोट में सेंधमारी कर समीकरण बिगाड़ सकती है।
श्योपुर सीट
- BJP दुर्गा लाल विजय
- CONG बाबू जांडेल
- BSP बिहारी सोलंकी
बीजेपी के बिहारी सोलंकी जो कि BJP जिला उपाध्यक्ष थे, पार्टी से इस्तीफा देने के बाद BSP में शामिल हुए है, और अब BSP के टिकट पर चुनावी मैदान में है। बिहारी सोलंकी भाजपा को काफी नुकसान पहुंचा सकते है।
पोहरी सीट
- BJP सुरेश धाकड़
- CONG कैलाश कुशवाह
- BSP प्रद्युमन वर्मा
कांग्रेस छोड़ बसपा में शामिल हुए प्रद्युमन वर्मा, अब BSP के टिकट पर चुनावी मैदान में है। वहीं बीएसपी से कांग्रेस में शामिल हुए कैलाश कुशवाह को CONG द्वारा टिकट दिया गया है। कैलाश दो बार से BSP उम्मीदवार रहते हुए दूसरे नंबर पर रह चुके है। इस सीट पर BSP काफी मजबूत रहती है। ऐसे में यहां बसपा उम्मीदवार कांग्रेस का समीकरण बिगाड़ सकते है।
कुछ दिलचस्प आंकड़े जो ग्वालियर भिंड और मुरैना की 17 सीटों में से 10 उन सीट से जुड़े जहां BSP समीकरण बिगाड़ रही है।
- इन 10 में से 7 सीट पर वर्तमान में कांग्रेस के विधायक है। 2 सीट पर BJP और 1 सीट पर BSP विधायक है।
- इन 10 सीटों में से 4 सीट पर CONG से बागी होकर BSP से लड़ने वाले चुनावी मैदान में हैं।
- इन 10 सीटों में से 4 सीट पर BJP से बागी होकर BSP से लड़ने वाले चुनावी मैदान में है।
- इन 10 सीटों में से 2 सीट पर सीधे BSP प्रत्याशी CONG-BJP का समीकरण बिगाड़ रहे है।
BSP ने किया ये दावा
बीजेपी और कांग्रेस का समीकरण बिगाड़ रही BSP का दावा है कि वो किसी को नुकसान या वोट में सेंधमारी के लिए चुनाव में नहीं है, बल्कि चुनाव जीतने के लिए मैदान में उतरे हैं। BSP महामंत्री और ग्वालियर पूर्व के उम्मीदवार प्रहलाद सिंह ने कहा कि बहुजन समाज पार्टी का खुद का एक वोट बैंक है। जो इस अंचल में BSP को मजबूती देता है और इस बार काफी सीट बसपा जीतने जा रही है।
बीजेपी ने बताया फायदे का सौदा
इधर बीएसपी प्रत्याशियों के मैदान में होने पर भारतीय जनता पार्टी अपने लिए फायदे का सौदा बता रही है। भाजपा सांसद विवेक शेजवलकर कहना है कि BSP के उम्मीदवारों के खड़े होने का फायदा बीजेपी को मिलेगा। क्योंकि बसपा के पास जब-जब वोट जाता है तो कांग्रेस का सीधा वोट बैंक कटता है ,जो BJP के लिए फायदेमंद रहता है।
कांग्रेस बोली- BSP से नहीं होगा नुकसान
कांग्रेस का दावा है कि इस बार वोटर और जनता भारतीय जनता पार्टी के खिलाफ है। कांग्रेस के राष्ट्रीय प्रवक्ता सुरेंज सिंह राजपूत ने कहा कि BSP के प्रत्याशियों से कांग्रेस को नुकसान नहीं होगा। दो ध्रुवीय मुकाबले में जीत CONG की होने जा रही है।
बहरहाल इन आंकड़ों के चलते भारतीय जनता पार्टी और कांग्रेस दोनों चिंतन कर चुनावी रणनीति बना रही है। ताकि बिगड़ते दिख रहे इन समीकरण को 17 तारीख को होने जा रहे मतदान से पहले दुरुस्त किया जा सके।
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