नीरज काकोटिया, बालाघाट। मध्य प्रदेश के बालाघाट जिले के बिरसा आदिवासी क्षेत्र अंतर्गत वन क्षेत्र में कई वर्षो से रहने वाले दर्जन भर से अधिक गांव के बैगा व आदिवासी परिवार पट्टे की मांग को लेकर सड़क पर उतरने के लिए बाध्य हो गये है। लगभग 100 से 150 किमी दूर दूरस्थ स्थान पर नक्सल प्रभावित क्षेत्र के रहने वाले इन परिवार के पास वनाधिकार पट्टा नहीं है, जिससे वे अपने को परेशान पा रहे है।

बाबा महाकाल की शाही सवारी के दौरान श्रद्धालुओं से धक्का-मुक्की: पुजारी और कर्मचारियों ने किया दुर्व्यवहार, VIDEO वायरल

जानकारी के मुताबिक महाकौशल वनवासी विकास परिषद के बैनर  तले इन परिवारों ने मुख्यालय पहुंचकर अपर कलेक्टर शिव गोविन्द मरकाम को अपना मांग पत्र सौपा है। जिसमे ग्राम मछुरदा, धामनगांव, कोमो, गिडोरी, लालपुर, नाकाटोला सहित दर्जन भर गांव के सैकड़ो की संख्या में आये इन वनवासी बैगा व गोंड समाज के सदस्यों ने बताया की वह कई वर्षो से रह रहे है। 

MP CRIME: घरेलू विवाद में पति ने की पत्नी की हत्या, लाठी-डंडे से पीट-पीटकर उतारा मौत के घाट

शासन के 2005 के पूर्व के रहने वालों को पट्टा दिये जाने के 2006 के क़ानून के दायरे में आ रहे है। लेकिन प्रशासनिक स्तर पर उन्हें अब तक पट्टा नहीं दिया गया है। उन्होंने मांग की है कि आगामी 15 नवम्बर तक पट्टे दिये जाये अन्यथा 16 नवंबर से अनशन और बड़ा आंदोलन किया जायेगा। हालांकि अपर कलेक्टर शिव गोविन्द मरकाम ने कहा की मामले की जांच करायी जायेगी और जो पट्टे से वंचित है तो उनके पट्टे बनाये जायेंगे।

Read more- Health Ministry Deploys an Expert Team to Kerala to Take Stock of Zika Virus