नीरज काकोटिया, बालाघाट।
मध्य प्रदेश के बालाघाट जिले में स्थित ऐतिहासिक बावड़ी रख रखाव के अभाव में जर्जर होती जा रही है. जिसके मरम्मत (जीर्णोद्धार) की मांग उठाई जा रही है. जिला सहकारी बैंक के पूर्व अध्यक्ष उदयसिंह नगपुरे ने शासन से बावड़ी मरम्मत की कर रहे हैं.

इस संबंध में इतिहास एवं पुरातत्व शोध संस्थान के संचालक का कहना है कि बावड़ी के मरम्मत के लिए समय समय पर राशि मिलती है, जो अपर्याप्त रही. अभी पुरातत्व विभाग को 6 लाख रुपये आवंटित हुई है, लेकिन मरम्मत के काम में देरी की जा रही है.

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बता दें कि बालाघाट जिले के ग्राम हट्टा में स्थित बावड़ी को 16वीं शताब्दी में गोंड राजाओं ने बनवाया था. बावड़ी का निर्माण में बड़ी-बड़ी चट्टानों को काट कर तराश कर और अलकृत स्तम्भों से किया गया था. बावड़ी के प्रवेश द्वार पर दो चतुर्भुज शिव और 16 शताब्दी की श्रीफल लिए अबिका की प्रतिमाओं की नक्काशी की गई है.

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बताया जाता है कि युद्ध के समय इस बावड़ी का उपयोग किया जाता था. यह तीन मंजिला इमारत है, जिसके भू-तल में पानी की बड़ी सी बावड़ी है. जिसके पानी का स्रोत का आज तक पता नहीं चल पाया है. वहां 12 महीने पानी भरा रहता है, जो युद्ध के समय बहुत काम आता था. यह बावड़ी बदलते समय के साथ नगपुरे जमींदार के स्वामित्व में आ गई, जिसे साल 1987 में पुरातत्व विभाग को सौंप दिया गया था.

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