नीरज काकोटिया, बालाघाट। मध्य प्रदेश के बालाघाट (Balaghat) जिले के परसवाड़ा स्थित ग्राम भादूकोटा में बागेश्वर धाम के पंडित धीरेंद्र शास्त्री (Pandit Dhirendra Shastri) की 2 दिवसीय वनवासी राम कथा प्रारंभ हो गई है। वनवासी राम कथा को सुनने के लिए लाखों की संख्या में लोगों का सैलाब उमड़ पड़ा है। इस दौरान धीरेंद्र शास्त्री ने उपस्थित श्रद्धालुओं को सीताराम कहकर संबोधित किया और सबका अभिवादन स्वीकार करते हुए रामकथा के संदर्भ में विस्तृत अपना व्याख्यान दिया।
पं. धीरेंद्र शास्त्री ने पिछले दिनों बालाघाट में होने वाली वनवासी राम कथा का विरोध और हाईकोर्ट की टिप्पणी पर कहा कि धन्य है हाईकोर्ट के जज साहब, जिन्होंने हाईकोर्ट आने वाले को चुप करा दिया। जिन्होंने विरोध किया उनकी ठठरी बन जाए। उन्होंने कहा कि वे कह रहे कि बागेश्वर धाम के आने से संस्कार बिगड़ जाएंगे। मैं आपसे पूछना चाहता हूं कि क्या रामकथा से संस्कार बिगड़ता है या बनता है। क्या मिशनरी के आने से संस्कार बिगड़ते हैं या बनते है। तो आप बताएं वह किसके साथी हैं। पंडित धीरेंद्र शास्त्री ने कहा कि दारू की खुशबू 4 से 6 दिन और इत्र की खुशबू 20 से 25 दिन के लिए होती है। आशय अस्थायी खुशबू है, लेकिन चरित्र की खुशबू जिंदगी भर टिकती है, इसलिए चरित्र को बनाएं।
बता दें कि, पंडित धीरेंद्र शास्त्री का दो दिवसीय वनवासी राम कथा परसवाड़ा विधानसभा क्षेत्र के ग्राम भादूकोटा में हो रही है। जो प्रदेश सरकार के आयुष मंत्री रामकिशोर कावरे के विधानसभा क्षेत्र है। 24 मई को भी शाम में 6 बजे ही यहां पर वनवासी राम कथा आयोजित होगी। करीब आधे घंटे के बाद बागेश्वर धाम बाबा का दिव्य दरबार सजेगा। जिसमें आज जिस तरह से भीड़ उमड़ी रही है कल यह संख्या और बढ़ सकती है। भीषण गर्मी के बाद भी लाखों की संख्या में बालाघाट सहित आसपास जिले के लोग वनवासी कथा सुनने के लिए यहां पहुंचे हुए हैं।
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