नीरज काकोटिया, बालाघाट। बागेश्वर धाम के पंडित धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री (Pandit Dhirendra Krishna Shastri) वनवासी रामकथा करने मध्य प्रदेश के बालाघाट पहुंचे, जहां धीरेंद्र शास्त्री ने मौलाना साजिद रशीदी के बयान पर तीखी प्रतिक्रिया दी।
पंडित धीरेंद्र शास्त्री ने कहा कि हिंदू राष्ट्र की बात कोई जातिवाद की बात नहीं है, एक संस्कृति की बात है। PFI और SIMI पर बैन इसलिए लगा, क्योंकि उनकी मूवमेंट इस्लामिक स्टेट बनाने की थी। जहां तक बात मौलाना साजिद रशीदी के बयान की है, हम उन्हें जानते नहीं हैं। इसलिए ऐसी वाहियात बात पर क्या जवाब दें। इस दौरान बागेश्वर धाम के पंडित धीरेन्द्र कृष्णी शास्त्री ने स्कूलों में रामायण और महाभारत पढ़ाने की मांग की। उन्होंने कहा कि भारत की स्कूली शिक्षा में रामायण और महाभारत का पाठ शामिल होना चाहिए। बता दें कि मौलाना साजिद रशीदी ने ISIS की तरह बागेश्वर धाम के धीरेंद्र शास्त्री पर बैन लगाने की मांग की थी।
बागेश्वर धाम के धीरेंद्र शास्त्री के हिंदुत्व और स्कूलों में रामायण और महाभारत पढ़ाने को लेकर दिए गए बयान पर एमपी की सियासत गर्माती नजर आ रही है, जहां एक तरफ बीजेपी ने स्कूलों में गीता पढ़ाने की वकालत की है तो वही हिंदू राष्ट्र के सवाल पर गोलमोल जवाब देती नजर आई।
वहीं धीरेंद्र शास्त्री के बयान पर कांग्रेस का कहना है कि गीता के साथ-साथ दूसरे धर्म के भी ग्रंथ स्कूलों में पढ़ाया जाना चाहिए। कांग्रेस प्रवक्ता आनंद जाट ने कहा कि सभी धर्मों की किताबें पढ़ाई जाना चाहिए। साथ ही कांग्रेस ने धीरेंद्र शास्त्री से मांग की है कि वो बेरोजगारी, महंगाई और किसानों के मुद्दे पर भी बोलें, उससे भी मध्यप्रदेश की 93 फ़ीसदी हिंदुओं को फायदा पहुंचेगा।वहीं कांग्रेस प्रवक्ता अवनी बुंदेला ने कहा कि साधु-संतों को राजनीति के पचड़े में नहीं पड़ना चाहिए। देश संविधान से ही चलेगा। ऐसे बयानों से आपस में मनमुटाव बढ़ता है।
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