अमित कोड़ले, बैतूल। मध्यप्रदेश के बैतूल जिले (Betul) में 47 रेत खदानों के लंबे समय बाद हुए ठेके के बावजूद अवैध उत्खनन (illegal mining) जोरों पर जारी है। जिले की नदियों को सारे नियम कायदों को ताक पर रखकर छलनी किया जा रहा है। यह अवैध खनन हैदराबाद (Hyderabad) की रेत ठेका कंपनी पावर मेक खनिज विभाग के अधिकारियों के संरक्षण में काम कर रही है।
रेत ठेकेदार के बंदूकधारी लोग आदिवासी बाहुल्य क्षेत्र में बंदूक की नोक पर अवैध खनन करने में लगे हैं। डंप की आड़ लेकर ठेकेदार बेखौफ होकर मन चाही जगह से अवैध रेत निकाल रहा है। रोजाना एक सैकड़ा डंपर अवैध रूप से रेत नदियों से चोरी कर रहा है। जब मीडिया कर्मी इन अवैध रेत खदान पर पहुंचे, तो ठेकेदार ने सभी डंपरों को मौके से भगा दिया।
दरअसल, हैदराबाद की पावर मेक कंपनी ने जिले की 47 रेत खदानों का ठेका लिया है। लेकिन ठेकेदार को खनिज विभाग का खुला संरक्षण मिला हुआ है। जिससे ठेकेदार तय रेत खदानों की जगह नदी में कही से भी अवैध खनन कर रहा है। खनिज अधिकारी भगवंत नागवंशी से जब मीडिया ने रेत ठेके की जानकारी लेने का प्रयास किया तो उन्होंने जानकारी देने से साफ मना कर दिया और बोले जानकारी लेकर दिखाकर क्या कर लोगे। खनिज अधिकारी के इस बयान के बाद उनकी कार्य प्रणाली पर सवालिया निशान खड़े हो गए है।
जिले में ठेकेदार के इस अवैध खनन की जानकारी कलेक्टर अमनबीर सिंह बैंस को भी है। उनके पास अवैध खनन के कुछ वीडियो पहले से आए हुए हैं। हालांकि कलेक्टर ने खनिज अधिकारी और पुलिस की संयुक्त टीम बनाकर जल्द ही कार्रवाई करने का आश्वासन दिया है।
अवैध रेत खनन और कोयला खनन रोकने के लिए प्रशासन को एक संयुक्त टीम बनाने की जरूरत है। जो जिले में चिन्हित अनुमति प्राप्त रेत खदानों की रॉयल्टी अन्य जिलों में काटे जाने की जांच करें। चिन्हित रेत खदानों से हटकर नदियों में किए जा रहे अवैध खनन को पकड़ कर ठेकेदार पर खनिज अधिनियम और रेत चोरी का मामला दर्ज कर जुर्माने की कार्रवाई कर सकें।
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