अमृतांशी जोशी, भोपाल/ कुमार इंदर, जबलपुर। चुनावी साल में यूनिवर्सिटी कर्मचारियों का आंदोलन छात्रों की परेशानी बन गया है। आंदोलन की वजह से भोपाल के बरकतउल्ला विश्वविद्यालय (Barkatullah University) और जबलपुर के रानी दुर्गावती विश्वविद्यालय की सारी परीक्षाएं आगामी आदेश तक स्थगित कर दी गई हैं। वहीं हड़ताल से परेशान छात्रों की लल्लूराम की टीम ने की मदद। हड़ताल के बीच छात्रों की डिग्री बनवाई। दरअसल, सरकारी नौकरी के लिए स्टूडेंट्स को डिग्री चाहिए थी।

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अधिसूचना में बरकतउल्ला विश्वविद्यालय के कहा है कि यूनिवर्सिटी से संबंधित समस्त महाविद्यालयों में निर्धारित परीक्षा केंद्रों पर संचालित स्नातक और स्नातकोत्तर की परीक्षाएं अपरिहार्य कारणों से 4 जून से आगामी आदेश तक स्थगित की जाती है। स्थगित प्रश्नपत्रों की समय सारणी अलग से जारी की जाएगी।

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आंदोलन के कारण प्रश्नपत्र और उत्तर पुस्तिकाएं नहीं पहुंचीं केंद्र

दरअसल, बरकतउल्ला विश्वविद्यालय के कर्मचारी अपनी मांगों को लेकर आंदोलन कर रहे हैं, जिस कारण प्रश्नपत्र एवं उत्तर पुस्तिकाएं निर्धारित परीक्षा केंद्रों तक नहीं पहुंच सकीं। हालांकि अधिसूचना में अपरिहार्य कारणों से परीक्षाएं स्थगित करने का हवाला दिया है। स्थगित प्रश्न पत्रों की समय सारणी अलग से जारी की जाएगी।

विश्वविद्यालय परिसर में टेंट लगाकर बैठे कर्मचारी और अधिकारी

इधर, कर्मचारी और अधिकारी काम बंद कर विश्वविद्यालय परिसर में टेंट लगाकर धरने पर बैठे है। प्रदर्शनकारियों का कहना है कि जब तक मांगें पूरी नहीं होगी तब तक हड़ताल खत्म नहीं करेंगे। नियमों के अंदर हमारी मांगे जो पूरी होनी चाहिए। वहीं हड़ताल से परेशान छात्रों की लल्लूराम की टीम ने की मदद। हड़ताल के बीच छात्रों की डिग्री बनवाई। सरकारी नौकरी के लिए स्टूडेंट्स को डिग्री चाहिए थी।

क्या हैं कर्मचारियों की 9 सूत्रीय मांगे

  1. शासन के कर्मचारियों के समान सातवें वेतनमान से पेन्शन एवं डीए का भुगतान किया जाए
  2. विश्वविद्यालयों में 2007 के पश्चात कार्यरत स्थाई कर्मचारियों को तत्काल वेतन भुगतान किया जाय
  3. स्थाई कर्मचारियों को तत्काल नियमित किया जाकर सातवाँ वेतनमान प्रदान किया जाए
  4. मप्र के विश्वविद्यालयों में कुलसचिव के पद पर विश्वविद्यालयीन सेवा के अधिकारियों को ही पदोन्नत कर नियुक्ति प्रदान की जाए
  5. समन्वय समिति के निर्णय अनुसार मेडिक्लेम पॉलिसी विश्वविद्यायों में तत्काल लागू की जाए
  6. विश्वविद्यालयों में 2005 के पश्चात नियुक्त अधिकारियों, शिक्षको कर्मचारियों हेतु पुरानी पेन्शन लागू की जाए

7.अवधेश प्रताप सिंह विश्वविद्यालय, रीवा के 84 कर्मचारियों को नियमित कर्मचारियों के समान सभी लाभ प्रदान किए जाएं

  1. विश्वविद्यालयों में प्रदान किये जा रहे श्रमसाध्य भत्ते पर पुर्नविचार करते हुए सभी विभागों के कर्मचारियों, अधिकारियों, शिक्षकों को प्रदान किया जाए
  2. विश्वविद्यालयों में कार्यरत कर्मचारियों को तत्काल पदोन्नति का लाभ प्रदान किया जाए

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कमलनाथ ने सरकार को घेरा

कमलनाथ ने सरकार को घेरते हुए कहा कि मध्यप्रदेश में मुख्यमंत्री तमाशेबाजी में व्यस्त हैं और पूरा प्रदेश हड़तालों का प्रदेश बनता जा रहा है। शिक्षकों और कर्मचारियों की हड़ताल के कारण प्रदेश की प्रमुख यूनिवर्सिटियों में परीक्षाएं स्थगित करनी पड़ी हैं। यह लाखों छात्रों के भविष्य के लिए शुभ संकेत नहीं है। प्रदेश में संविदा कर्मचारी, सरकारी कर्मचारी, अधिकारी, शिक्षक, चिकित्सक, नर्स और जो भी विभाग हैं, उन सब में आए दिन हड़ताल हो रही हैं। इन हड़तालों का मुख्य कारण शिवराज सरकार का कुशासन और कर्मचारी विरोधी रवैया है। पहले अधिकारी-कर्मचारियों से झूठे वादे कर देना और बाद में उन से मुकर जाना, शिवराज सरकार का नेचर और सिग्नेचर बन गया है। इस बदनीयत के कारण खरीद-फरोख्त की सरकार को जनता आप स्ट्रेचर पर लाने वाली है।

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